विश्व फोटोग्राफी दिवस पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग बचपन एक्सप्रेस एवं राष्ट्रीय कला मंच के सहयोग से एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया इस कार्यशाला में वरिष्ठ फोटो पत्रकार कालरा ने कहा कि फोटो खींचने के लिए किसी महंगे कैमरे की जरूरत नहीं होती है ।फोटो खींचने के लिए एक क्रिएटिव मस्तिष्क की आवश्यकता है। इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर मन है तो इस प्रोफेशन का चयन करें नहीं तो ना आए ।प्रोफेशन वही अच्छा होता है जिसमें व्यक्ति अपने मनसे काम करता है कार्यशाला के दौरान अपने अनुभव को छात्रों से साझा करते हुए उन्होंने बताया कि किस तरह डिजिटल फोटोग्राफी के पहले जब फिल्में होती थी तो क्या क्या मुसीबतें आती थी ।उन्होंने कहा कि अब तो जिस फोटो को डिलीट करना हो उसे डिलीट कर देते हैं ,बहुत सारे ऐसे टूल आ गए हैं जिनकी सहायता से आप फोटोग्राफ में मनचाहा परिवर्तन कर सकते हैं।त्रिलोचन कालरा ने बच्चों को अपना काम दिखाया और बताया कि किस तरह अपर्चर ,शटर ,या फोकस का इस्तेमाल फोटोग्राफी में किया जा सकता है।इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर गोविंद जी पांडे ने त्रिलोचन कालरा के बारे में बताते हुए कहा की जिस तरह से इन्होंने फोटो पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना नाम स्थापित किया है उसमें एक सबसे बड़ा कारण जिज्ञासा है।अगर किसी व्यक्ति में जिज्ञासा नहीं है या वो तैयार नहीं है तो वह फोटोग्राफी नहीं कर पाएगा। फोटोग्राफी करने के लिए जितनी जरूरत संसाधनों की है उतनी ही जरूरत मन लगाकर अपना काम करने की है।इस अवसर पर प्रोफेसर गोविंद जी पांडे ने कालरा को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।विभाग के शिक्षक डॉ कुंवर सुरेंद्र बहादुर एवं डॉक्टर लोकनाथ के साथ साथ शोध छात्रा नीलू शर्मा अंकित दीक्षित धीरज के अलावा बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।