पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव में लड़ने के फैसले का निर्णय जनता दल यूनाइटेड द्वारा आज लिया जाएगा।

Update: 2020-12-27 10:12 GMT


अगले साल होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ऐसा माना जा रहा है कि बिहार में एनडीए का सहयोगी दल जेडीयू भी चुनावी मैदान में उतर सकता है। जिसका फैसला देश की राजनीतिक हालत को देखते हुए जनता दल यूनाइटेड द्वारा रविवार को लिया जा सकता है।

जेदयू के सभी बड़े नेताओं की बैठक रविवार को कार्यालय में होनी है। इससे पहले शनिवार को सीएम नीतीश कुमार के साथ पदाधिकारियों ने बैठक की जिनमें चुनाव के अहम मुद्दों पर चर्चा की गई।

आपको बता दें कि इससे पहले इन खबरों पर बिहार के सीएम और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने कहा है कि बंगाल से हमारे साथ जुड़े बहुत लोग आए हुए हैं। परंतु चुनाव के बारे में कोई बात नहीं हुई। वहीं से पहले जेडीयू के राष्ट्रीय सचिव और पार्टी के पश्चिम बंगाल के चुनाव प्रभारी गुलाम रसूल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में पार्टी की इकाई कम से कम 75 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। और संख्या नेतृत्व से मंजूरी मिलने पर बढ़ सकती है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 26 तारीख को एक्सिक्यूटिव की बैठक होने वाली है। हमारी पार्टी के संविधान का प्रावधान है, उसी के अंतर्गत बैठक हो रही है। आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 294 सीटों के लिए चुनाव कुछ महीनों में होने वाला है। और भाजपा ने पिछले चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन किया था। वह इस चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को चुनौती भी दे रहे हैं।

जेडीयू का कहना है कि भाजपा से उसका गठबंधन  बिहार तक ही सीमित है। पार्टी ने कर्नाटक और गुजरात में भाजपा के गठबंधन के बिना ही चुनाव लड़ा था। अरुणाचल प्रदेश में भाजपा का शासन है और वहां जेडीयू विपक्षी के तौर पर खड़ा है।

एक सवाल का जवाब देते हुए बलियावी ने कहा कि उनकी राय है कि भाजपा को नीतीश कुमार के साथ लेने के बारे में विचार करना चाहेगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हर दल को अपने जनाधार का विस्तार का अधिकार है।

हालांकि चुनाव को लेकर कोई पुष्टि नहीं हो पाई है, परंतु ऐसे संकेत हैं कि जेडीयू बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ सकती है।

नेहा शाह

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