विदेशी चंदा से चलने वाले एनजीओ के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि विदेशी चंदा नियमन कानून मोदी सरकार ने पूरी तरह से बदल दिया है।अब एनजीओ के सभी पदाधिकारियों को इस बात का प्रमाण देना पड़ेगा कि वह धर्मांतरण में शामिल नहीं है अगर इस तरह की किसी भी घटना का पता चलता है तो सभी के ऊपर कार्यवाही की जाएगी।यह देखा गया है कि बहुत सारे ऐसे एनजीओ भारत में काम कर रहे हैं जो आदिवासी क्षेत्रों में काम करते हैं और आदिवासियों की गरीबी का फायदा उठाकर उन्हें एक विशेष धर्म में शामिल कर रहे थे।गृह मंत्रालय ने इस दिशा में शक्ति करते हुए अब विदेशी धन से चलने वाले एनजीओ के ऊपर लगाम लगाई है और साथ ही साथ आदिवासी क्षेत्र में हो रहे धर्मांतरण पर भी सख्त रवैया अपना लिया है।