किसानों को बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि मिर्च की खेती किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है, दरहसल, मध्य प्रदेश में अधिक उत्पादन के चलते इस मिर्च फसल के थोक दाम इस कदर गिर गए हैं कि उनके लिए इसके उत्पादन और इसे खेत से तुड़वाने की लागत निकालना मुश्किल हो रहा है।
बता दे कि, राज्य के सबसे बड़े मिर्च उत्पादक निमाड़ अंचल के खरगोन जिले के गजानंद यादव इन किसानों में शामिल हैं, जिन्होंने पांच एकड़ में मिर्च बोई है।
गजानंद यादव ने बताया कि, "इस वक्त हरी मिर्च का थोक मूल्य 11 से 12 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच चल रहा है, जबकि हमें एक किलोग्राम मिर्च उगाने में करीब आठ रुपये की लागत आती है और मजदूर इसे खेत से तोड़ने के बदले पांच रुपये किलोग्राम के मान से मेहनताना लेते हैं।
उन्होने आगे कहा कि, पिछले साल किसानों को एक किलोग्राम हरी मिर्च के बदले 42 रुपये तक का ऊंचा दाम मिला था और इसे देखते हुए वर्तमान सत्र में इसकी खेती के प्रति उनकी रुचि बढ़ गई।