अब बिहार में ही होगी दवाओं की गुणवत्ता की जांच, पटना में खुला अत्याधुनिक ड्रग टेस्टिंग लैब
अब बिहार में ही होगी दवाओं की गुणवत्ता की जांच, पटना में खुला अत्याधुनिक ड्रग टेस्टिंग लैब
बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आज पटना में 30 करोड़ रुपए की लागत से औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया।
मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि यह प्रयोगशाला अत्याधुनिक सुविधा से लैस है। इस प्रयोगशाला के खुल जाने से अब राज्य में ही दवाओं और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता की जांच की जा सकेगी। साथ ही इससे स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी।
उन्होंने आगे कहा कि पहले दवाओं और खाद्य उत्पादों की जांच के लिए कोलकाता जैसे शहरों में सैंपल भेजना पड़ता था, लेकिन अब बिहार को दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट आने में पहले कई महीने लग जाते थे, लेकिन अब नए लैब खुल जाने से तुरंत जांच होगी। साथ ही गलत और नकली दवाओं की पहचान कर उन्हें बाजार से हटाने में भी तेजी आएगी।
उन्होंने बताया कि इस प्रयोगशाला में 28 आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जिनके जरिए दवाओं और खाद्य पदार्थों की सूक्ष्म स्तर पर जांच संभव हो सकेगी। यह सुविधा राज्य को स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी और तकनीकी रूप से भी स्वास्थ्य विभाग को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा, "यह प्रयोगशाला बिहार की 13 करोड़ जनता के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा की मजबूत गारंटी है। अब सरकार न केवल इलाज की बेहतर सुविधा दे रही है, बल्कि यह सुनिश्चित कर रही है कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण दवाएं ही उपलब्ध कराई जाएं।"
उन्होंने कहा कि इस पहल से जनता का स्वास्थ्य अधिकार और अधिक सुरक्षित होगा तथा यह केंद्र सरकार की "सुरक्षित भारत, स्वस्थ भारत" की परिकल्पना को भी मजबूती देगा।
इस अवसर पर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नन्द किशोर यादव, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, बीएमएसआईसीएल के एमडी दिवेश रामचन्द्र देवरे सहित अन्य अधिकारी और नेता मौजूद रहे।