छह वर्ष पूर्व कायाकल्प और अवस्थापना सुविधाओं के मामले में प्रदेश स्तर पर डंका बजाकर माॅडल घोषित हो चुकी मोहनलालगंज तहसील में अधिकारियों की लापरवाही से बदहाली की शुरुआत हो चली है। तहसीलदार आवास में तैयार की गई पंचवटी झाड़ियों में गुम होने लगी है। जबकि देखरेख के अभाव में पार्क और हरियाली का पुरसाहाल नहीं है। यही नहीं कायाकल्प के अन्य कार्य भी बदतर स्थिति में पहुंचने लगे हैं।
मोहनलालगंज तहसील में बिल्डिंग से लेकर समूचे परिसर में कायाकल्प कार्यों का जायजा लेकर 14 जुलाई 2015 को तत्कालीन जिलाधिकारी राजशेखर के साथ पहुंचे राजस्व परिषद अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्ता ने इसे माॅडल तहसील घोषित किया था। लेकिन देखरेख में लापरवाही बरते जाने से छह साल बाद तहसील में बदहाली ने डेरा डाल दिया है। अफसरों के हाथों रोपे गए अधिकांश पौधे सूखते जा रहे हैं। सोलर लाइटें खराब और कुओं की शेड टूटकर बिखर गई है। बड़ी-बड़ी घास पार्क को बदरंग कर रही है। जबकि पारिजात सिंचाई को तरस रहा है। बिजली कनेक्शन और नियमित सफाई के अभाव में तहसील के पिछले गेट के निकट बना सामुदायिक शौचालय शोपीस बन गया है।