हरिद्वार, मुरादाबाद में साम्प्रदायिकता भड़काने वाले अविलंब गिरफ्तार हों : माले
भाकपा माले की राज्य इकाई ने हरिद्वार में 'धर्म संसद' के नाम पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा भड़काने और मुरादाबाद में 'लव जिहाद' के बहाने एक अल्पसंख्यक की जूस की दुकान बंद कराने की कड़ी निंदा की है।
शनिवार को जारी बयान में पार्टी के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने कहा कि यूपी, उत्तराखंड सहित पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले संघ-भाजपा साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण कराना चाहती हैं। इसीलिए भड़काऊ बयान से लेकर सम्प्रदायिकता फैलाने वाली कार्रवाइयों को खुली छूट दे दी गई है। अब कानून की नजर में ये अपराध नहीं हैं, क्योंकि यह खुद भाजपा के नेता और भगवा संगठनों के लोग ही कर रहे हैं।
माले नेता ने कहा कि भाजपा की सरकारों के पास पांच साल के शासन की उपलब्धि के नाम पर जनता को बताने के लिए कुछ भी ठोस नहीं है। दूसरी तरफ, आम जनता महंगाई और बेरोजगारी से परेशान है। ऐसे में अपनी विफलताओं पर परदा डालने के लिए भाजपा फिर से साम्प्रदायिकता का सहारा ले रही है।
कामरेड सुधाकर ने कहा कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर तक हुए धार्मिक आयोजन में, जिसे 'धर्मसंसद' का नाम दिया गया, कुख्यात यति अविमुक्तेश्वरानंद को अल्पसंख्यकों के खिलाफ जहर उगलने, हिंसा भड़काने और उनके खिलाफ हथियार उठाने का आह्वान तक करने की इजाजत दी गई। इस आयोजन में भाजपा के वे नेता भी शामिल रहे, जिनके हाथ विगत साल के दिल्ली दंगों के खून से रंगे हैं। वहीं मुरादाबाद में बजरंग दलियों ने 23 दिसंबर को बरसों से चल रही एक फ्रूट जूस की दुकान जबरिया बंद करवा दी, क्योंकि दुकानदार अल्पसंख्यक समुदाय का था, दुकान बहुसंख्यक समुदाय वाले मुहल्ले में थी और उसका नाम 'न्यू साईं जूस सेंटर' था। बजरंगदलियों ने दुकान को बंद कराने से पूर्व जमकर बवाल काटा और आरोप लगाया कि दुकान के एक अन्य अल्पसंख्यक कर्मचारी ने बहुसंख्यक समुदाय की लड़की का उत्पीड़न किया था। यहां भगवा संगठन के लोगों को कानून अपने हाथ में लेने की छूट दी गई।
माले नेता ने कहा कि हरिद्वार मामले में पुलिस आयोजन के तीन दिन बाद तक कान में तेल डाले बैठी रही और जनदबाव पर मामला दर्ज भी किया तो सिर्फ खानापूरी की। ऐसे मामलों के लिए जो उचित आपराधिक धाराएं हैं, उन्हें नहीं लगाया गया है। जबकि गोरखपुर के डॉ. कफील खान पर अलीगढ़ में महज एक जनसभा को संबोधित करने पर, जिसके बाद न तो कोई दंगा भड़का न ही कोई नुकसान हुआ, रासुका लगाकर महीनों जेल में रखा गया। इसी तरह मुरादाबाद में जूस सेंटर बंद करवाने सहित अन्य अल्पसंख्यक कारोबारियों को भी व्यवसाय समेट लेने की बजरंगदलियों द्वारा धमकी देने के मामले में भी ठोस कार्रवाई न कर और मामूली धारा लगाकर पुलिस द्वारा लीपापोती की गई है।
राज्य सचिव ने उपरोक्त दोनों ही जगह के मामलों में अभियुक्तों को अविलंब गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजने और उन्हें कड़ी सजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि लेकिन भाजपा की सरकारें यह नहीं करेंगी। इतिहास गवाह है। संविधान उनके लिए मजबूरन शपथ लेने की वस्तु है, अमल करने के लिए नहीं। न्याय का राज स्थापित करने के लिए भाजपा को सत्ता से हटाना हो