अर्चना त्रिपाठी
मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने "उम्मीद" पहल का शुभारंभ किया । इसके साथ ही साथ उन्होंने निदान केंद्रों का उद्घाटन भी किया । इस अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए माननीय मंत्री जी ने बच्चों के उचित इलाज और जनता के बीच जागरूकता फैलाने के प्रति ध्यान आकर्षित करने और समाधान तलाशने के बारे में सभी से विचार करने का अनुरोध किया । डीबीटी सचिव डॉ रेनू स्वरूप ने भी इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित किया और बताया " उम्मीद" पहल बड़ी तादाद में वंशानुगत रोगों से ग्रसित लोगों की आशाओं को पूरा करेगी। अनुवांशिक रोग भारत में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है । इसी को ध्यान में रखते हुए डीबीटी ने उम्मीद पहल का शुभारंभ किया है जिसका स्लोगन है "परहेज- इलाज से बेहतर है" ।इसके तहत जन्मजात विकृतियां अनुवांशिक विकार और शिशुओं में मृत्यु दर में कमी लाने के लिए कार्य किए जाएंगे ।