जहां एक और पूरा देश हैदराबाद में एनकाउंटर किए गए दरिंदों की खबर सुन रहा था वहीं दूसरी ओर एक बेटी ऐसे ही दरिंदों द्वारा जला दी गई और जिंदगी की लड़ाई लड़ रही थी पर शायद ईश्वर को कुछ और मंजूर था सारी कोशिशों के बाद उन्नाव की बेटी को बचाया न जा सका।
95% जली हुई हालत में जब उसे दिल्ली के अस्पताल में शिफ्ट किया गया तो उम्मीद थी कि वह बच जाएगी अंतिम बार अपने भाई से बातचीत करते हुए वह सिर्फ एक ही बात कहती रही कि वह अपने दोषियों को सजा पाते देखना चाहती है।
सब इन गुनाहगारों को फांसी पर चढ़ाना चाहते हैं पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो कह रहे हैं कि कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए और उसके बाद ही कार्यवाही होनी चाहिए।उन्नाव की बेटी दिशा की मौत एक सिस्टम की मौत है जहां एक अपराधी जेल से निकलकर जमानत पर आता है और पीड़िता की हत्या कर देता है तो सिस्टम पर सवाल उठना जरूरी।
ऐसे सवाल लोगों के मन में है कि जब पता था कि उन लोगों ने रेप पीड़िता को धमकाया है तो पुलिस को कार्यवाही करना चाहिए था पर पुलिस अपने उसी अंदाज में लीपापोती करने की ओर बढ़ रही थी अब जब पूरा देश उसकी मौत की आंच मैं पूरा देश जल रहा है तो सब यही कह रहे हैं कि इन्हें भी उसी तरह गोली मार देनी चाहिए जिस तरह हैदराबाद ने रेपिस्ट को इनकाउंटर कर लिया गया।