विकासशील देशों की डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय बैठक नई दिल्ली में सम्पन्न
विकासशील देशों की डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय बैठक आज नई दिल्ली में सम्पन्न हुई
श्री सुरेश प्रभु ने रात्रिभोज के दौरान अपने संबोधन में कहा कि यह बैठक नई दिल्ली में ऐसे समय में आयोजित की जा रही है, जब व्यापार संबंधी तनाव में कमी होने का कोई संकेत नहीं मिल रहा है और संरक्षणवादी प्रवृत्तियां बढ़ती जा रही हैं, जिसके मद्देनजर अब समय आ गया है कि बहुपक्षीय व्यवस्था के तहत सामूहिक रूप से आगे की राह के बारे में विचार-विमर्श किया जाए।
वाणिज्य मंत्री ने यह भी कहा कि साझा हित, विशेषकर विकासशील देशों के सभी मुद्दों पर मुक्त एवं खुलकर विचारों का आदान-प्रदान सुनिश्चित करने के लिए नई दिल्ली में आयोजित मंत्रिस्तरीय बैठक भारत द्वारा की गई एक पहल है। उन्होंने कहा कि इस दौरान इन संभावनाओं को तलाशा जाएगा कि डब्ल्यूटीओ में सुधार से संबंधित सुझावों से उभरने वाली चुनौतियों से किस तरह सामूहिक रूप से निपटा जा सकता है।
नई दिल्ली में आयोजित की गई मंत्रिस्तरीय बैठक का उद्देश्य बहुपक्षीयवाद में नई जान फूंकना एवं उसे सुदृढ़ करना है और इसके साथ ही निर्णय लेने की एक ऐसी प्रक्रिया शुरू करनी है, जो अपेक्षाकृत ज्यादा समावेशी हो। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए यह आवश्यक है कि ज्यादा से ज्यादा विकासशील देशों के सामूहिक नजरिये को डब्ल्यूटीओ में सुधार के लिए पेश किये गये प्रस्तावों में औपचारिक रूप से व्यक्त या समाहित किया जाए।
वाणिज्य मंत्री ने उम्मीद जताई कि नई दिल्ली में आयोजित मंत्रिस्तरीय बैठक में डब्ल्यूटीओ से जुड़ी वार्ताओं में विकास की केन्द्रीयता का फिर से अनुमोदन किया जाएगा और इसके साथ ही इसके मूल में विकास को रखते हुए डब्ल्यूटीओ में सुधारों के लिए सुझाव दिये जाएंगे।