सरकार को आरबीआई का सरप्लस मिला है और मंदी से जूझती सरकार के लिए जब नकदी बढ़ेगी तो अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा इससे पहले आरबीआई ने 2004 से 14 के बीच औसतन सालाना 20000 करोड रुपए दिए थे 2015 से 19 के बीच करीब 54000 करोड रुपए दिए गए थे।सरकार पब्लिक एक्सपेंडिचर को बढ़ाकर इकोनॉमी को बूस्ट करने की कोशिश करेगी उसके लिए नकदी की जरूरत थी जो आरबीआई से मिल गई ।अब सरकार का सर प्लस बड़ा है तो बहुत सारी योजनाओं में वह पैसे डालकर अर्थव्यवस्था में जान फूंक सकती है।अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए वित्त मंत्री सीतारमण ने कई सारी घोषणाएं की और उन्होंने यह भी कहा कि वह कई घोषणाओं के साथ आती रहेंगी ।सरकार के प्रयासों को देख कर लग रहा है कि जल्द ही आने वाले समय में अर्थव्यवस्था में और सुधार देखे जाएंगे।