किसानो को दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड में प्रदर्शन की इज़ाज़त। किसान संगठनों संग मोदी सरकार बातचीत को तैयार

The protests of the farmers from Punjab and Haryana has halted life in nearby villages stopping all the activities.

Update: 2020-11-28 05:30 GMT


कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो मार्च आंदोलन दिल्ली के दरवाजे से आगे बढ़ गया हैं। आखिरकार सरकार झुकी और दोपहर 2 बजे किसान संगठन से बातचीत के बाद उन्हे तय शर्तो के साथ दिल्ली में घुसने के इजाज़त दी गयी हैं। कि किसान सिंधु बॉर्डर या दिल्ली के किसी भी बॉर्डर पर नही बल्कि बुराड़ी स्थित निरंकारी ग्राउंड मे अपना प्रदर्शन।

• प्रदर्शन के दोरान किसानो ने ट्रैक्टर के जरिये टिगड़ी बॉर्डर पर तोड़ी।

• यूपी से आए किसान पहुँचे निरंकारी ग्राउंड।

कृषि कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों से मोदी सरकार बातचीत के लिए तैयार है। इस बारे में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि 3 दिसंबर को चर्चा के लिए किसान यूनियन की तरफ से जो जवाब आएगा या कोई प्रस्ताव आएगा बातचीत के लिए तो उस पर हम विचार करेंगे।

प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में प्रवेश से रोकने के लिए दिल्ली करनाल हाइवे पर गनौर के पास सड़कों को खोद दिया गया है। हाइवे पर किसान ही नहीं, किसी भी वाहन को मूवमेंट की इजाजत नहीं दी गई है। हरियाणा राज्य की सारी सीमाओं को सील करते हुए यहां सख्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।

कृषि कानून के खिलाफ 'चलो दिल्ली' आंदोलन।

कृषि कानून को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों से मोदी सरकार बातचीत के लिए तैयार है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या को लेकर हमने चर्चा की है। दो बार बातचीत हुई है। एक बार अधिकारी लेवल पर और एक बार मैं खुद चर्चा में शामिल था हमने सरकार की तरफ से 3 दिसंबर को पुनः चर्चा के लिए उन्हें आमंत्रित किया है।

कृषि मंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस बिल पर बात करने के लिए राहुल गांधी को कोई नैतिक अधिकार नहीं है। वह झूठ बोलने में माहिर हैं। वह पहले अपनी घोषणापत्र से मुकरे फिर बात करें।उन्होंने कहा कि हमें राहुल गांधी की सलाह की जरूरत नहीं है।

ऋषि जयसवाल।

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