''महिलाओं को वर्चस्व नहीं बराबरी चाहिये''

Update: 2022-03-08 06:43 GMT


वुमनहुड को सलाम करने और जेंडर समानता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिये हर साल आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता हैय इस साल की थीम है भेदभाव को खत्म करें। इस खास मौके पर एण्डटीवी के कलाकारों ने जेंडर से जुड़ी असमानता के बारे में अपने विचार रखें। विदिशा श्रीवास्तव जो भाबीजी घर पर है में नई अनीता भाभी के रूप में प्रवेश करेंगी कहती है, ''पिछले कई सालों में पूरी दुनिया में महिलाओं के राजनीति, अर्थव्यवस्था में बेहतर प्रतिनिधित्व और बेहतर हेल्थकेयर की वजह से काफी बदलाव आया है। लेकिन अब भी कई क्षेत्रों में महिलाओं के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है, जिन्हें दूर करने की जरूरत है। दुनिया की सभी महिलाओं को बधाई! महिला दिवस की शुभकामनायें।'' शुभांगी अत्रे, 'भाबीजी घर पर हैं' की अंगूरी भाबी कहती हैं, ''एक महिला होने के नाते मैंने अपनी बेटी के लिये एक ऐसा माहौल तैयार किया है जो सभी भेदभाव से मुक्त और मौकों से भरपूर है। यह उसे स्वतंत्र, मजबूत, उत्साही बनायेगा और बाकी महिलाओं को प्रोत्साहित करेगा। लेकिन यह बड़े ही दुख की बात है कि समाज के हर तबके के पास ऐसा करने का अधिकार नहीं है, ऐसे में इस तरह की जागरूकता अहम हो जाती है। हमें थोड़ा समय निकालकर, अपने बच्चों और हाउस हेल्प से लिंगभेद के बारे में चर्चा करनी चाहिए और इस संदेश को आगे बढ़ाना चाहिए।'' शिव्या पठानिया, 'बाल शिव' में देवी पार्वती की भूमिका निभा रही हैं, कहती हैं, "मुझे लगता है कि महिलाओं के योगदान को हमेशा लैंगिक असमानता के कारण स्वीकार नहीं किया जाता है।

विशेष रूप से भारत में, हम ऐसे परिवारों में बड़े होते हैं जो पुरुष वर्चस्व की बात करते हैं। इस वर्ष का विषय "भेदभाव खत्म करो', एक ज्वलंत विषय है और मुझे लगता है कि अधिक से अधिक लोगों को इसके बारे में बात करनी चाहिए और एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहिए जहां पुरुषों और महिलाओं दोनों के साथ समान सम्मान का व्यवहार किया जाये। है। मैं सारी महिलाओं को आगे बढ़ते हुए और भारत का सिर ऊंचा करते हुए देखा चाहती हूं। "सभी को महिला दिवस की शुभकामनाएं।" अकांशा शर्मा, "और भई क्या चल रहा है?" की सकीना मिर्जा कहती हैं, ''शारीरिक क्षमताओं से लेकर भावनात्मक ताकत तक, हम खुद किसी आश्चर्य से कम नहीं हैं। हमारी क्षमताओं को दबाने के लिये सुंदरता के झूठे मानकों के तराजू पर तौलकर समाज हमें पूर्वाग्रहों और असमानता के खांचे में बांधना चाहता है। आइए, एक समय में हम भेदभाव-मुक्त समाज की ओर कदम आगे बढ़ायें और हमारे जीवन में जितनी भी महिलाएं हैं उनके साथ पूरे सम्मान के साथ पेश आयें और 'नारी शक्ति' को सुदृढ़ करें।'' कामना पाठक, एण्डटीवी के 'हप्पू की उलटन पलटन' की राजेश कहती हैं, ''समय आ गया है कि हम शिकायत बंद कर अपना हक मांगना शुरू करें। इस महिला दिवस पर, मैं हर किसी से, चाहे वे किसी भी जेंडर के हों, अपने घर, कार्यक्षेत्र या यहां तक कि शैक्षणिक संस्थानों से, लिंगभेद को खत्म करने का आग्रह करती हूं। महिला दिवस की शुभकामनाए!"


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