छोटे पर्दे के अलग-अलग शोज में किरदारों को विभिन्न चुनौतियों और बाधाओं का सामना करना पड़ेगा और एण्डटीवी के शोज़ में जबरदस्त ड्रामा देखने मौका मिलेगा। 'बाल शिव' की कहानी में तोतासुर और दण्डपाणि, महासती अनुसुइया और देवी पार्वती की पूजा में बाधा डालने के लिये उनके घर में घुसने की कोशिश करते हैं, लेकिन देवी पार्वती द्वारा अपने और महासती अनुसुइया के घर के इर्द-गिर्द बनाये गये रक्षा कवच के कारण विफल हो जाते हैं। 'और भई क्या चल रहा है?' की कहानी में मिश्रा और मिर्ज़ा हवेली में रहने वालों और मोहल्ले के बाकी लोगों के बीच क्रिकेट मैच की बिट्टू की चुनौती स्वीकार कर लेते हैं। मोहल्ले वालों की टीम का कप्तान बिट्टू है। मिश्रा और मिर्ज़ा परिवार अपनी हवेली के लिये चिंतित हैं, क्योंकि दांव उसी पर लगा है। आखिरकार मैच का दिन आता है और अम्मी जान को अम्पायर बनाया जाता है।
'हप्पू की उलटन पलटन' की कहानी में कमिशनर (किशोर भानुशाली) और हप्पू (योगेश त्रिपाठी) गैंगस्टर श शाकाल को गिरफ्तार करने के मिशन पर हैं। ठीक उसी समय राजेश (कामना पाठक) हप्पू को कॉल करती है। हप्पू का ध्यान भटक जाता है और शाकाल के गुंडे कमिश्नर को पीट देते हैं। 'भाबीजी घर पर हैं' की में चाचाजी (अनूप उपाध्याय) तिवारी (रोहिताश्व गौड़) को समझाते हैं कि अगर किसी को उसके काम के लिये तारीफ मिलती है, तो वह पैसा मांगे बिना काम करने के लिये तैयार हो सकता है। इस बीच अंगूरी चिढ़ी हुई है और कहती है कि उसे घर संभालने में किसी की भी दखल नहीं चाहिये। विभूति (आसिफ शेख) के साथ खेलने के लिये तिवारी अंगूरी का पराठा खाने से मना कर देता है और विभूति के घर का बना पराठा खाता है, जिससे अंगूरी चिढ़ जाती है।