पॉपुलर शो 'तेरे बिना जिया जाए ना' में जया मां का रोल कर रहीं रक्षंदा खान को ईद का त्यौहार बहुत अच्छा लगता है। बचपन में तो हर ईद पर उन्हें लज़ीज़ पकवानों और ईदी का इंतजार रहता था। अब उनके कदमों पर चलते हुए उनकी प्यारी बेटी इनाया भी हर ईद पर सुबह जल्दी उठ जाती हैं और रिश्तेदारों से आशीर्वाद के रूप में मिलने वाली ईदी जमा करने के लिए अपना फैंसी पर्स निकाल लेती हैं।
रक्षंदा खान बताती हैं, ''ईद से जुड़ीं मेरी बचपन की शुरुआती यादों में वो चमचमाते सिक्के और करारे नए नोट शामिल हैं, जो मुझे हर उस घर से मिलते थे, जहां मैं जाती थी। इसके बाद हम अगले दिन इन पैसों से ढेर सारी कैंडीज़ खाते थे। अब मैं बड़ी हो गई हूं तो मुझे वो करारे नोट नहीं मिलते, बल्कि मैं इसे दूसरों को देती हूं। हालांकि अब मेरी बेटी इनाया हर ईद पर सुबह उठ जाती है और अपनी सबसे खास एसेसरी यानी कि अपना पर्स ढूंढती है, ताकि वो उसमें अपनी सारी ईदी जमा कर सके (हंसते हुए)।''
रक्षंदा आगे बताती हैं कि किस तरह ईद उनके लिए हमेशा ही एक पारिवारिक मामला रहा है और ये साल भी इससे अलग नहीं है। रक्षंदा कहती हैं, ''मैंने ईद हमेशा अपने परिवार के साथ मनाई है। इस दिन मैं सिर्फ अपने परिवार के घरों में जाती हूं। इस मौके पर मैं कई कटोरी शीर खुरमा और सुबह-सुबह उड़ने वाली बिरयानी की खुशबू का लुत्फ उठाती हूं।
मैं एक ऐसे परिवार से हूं, जिसमें एक से बढ़कर एक कुक्स हैं, इसलिए मेरे ईद के अनुभव में सभी तरह के लज्जतदार पकवान शामिल होते हैं। हालांकि इस साल भले ही ये महामारी के बाद पहली ईद है, लेकिन हम इसे बहुत जोर-शोर से नहीं मनाएंगे, क्योंकि हाल ही में मेरी नानी गुज़री हैं। इसलिए ईद पर मेरी कोई बड़ी योजना नहीं है। हालांकि मेरी नानी हमेशा कहा करतीथीं कि जिंदगी का जश्न मनाओ और अपने परिवार के साथ मिलने-जुलने का मजा लो, तो मैं उनके सम्मान में अपनी पूरी फैमिली को लंच पर ले जाऊंगी।'' मालूम हो कि ज़ी टीवी पर शो 'तेरे बिना जिया जाए ना' सोमवार से शुक्रवार रात साढे़ दस बजे प्रसारित है।