मुक्त व्यापार समझौता मुद्दे ने फिर पकड़ा जोर...

Update: 2019-11-01 02:44 GMT

आरती बचपन एक्सप्रेस .....

गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों पहले जम्मू कश्मीर में यूरोपीय संघ के सांसद यात्रा पर आए हुए थे एक यात्रा के दौरान यूरोपीय संघ के सांसदों ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के वक्त मुक्त व्यापार समझौता के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है|

प्रधानमंत्री मोदी ने भी उन्हें भरोसा दिलाया और कहा कि भारत परस्पर आर्थिक हितों को ध्यान में रखने वाले समझौते के प्रति गंभीर है और जल्द ही समझौते की उम्मीद करता है इस शुक्रवार को जब जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के साथ नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी की विपक्ष की वार्ता होगी तब भी यह मुद्दा उठाया जाएगा जर्मनी यूरोपीय संघ का सबसे मजबूत देश है और वह लगातार भारत के साथ विशेष व्यापारिक समझौतों का समर्थक भी रहा है|

बताते चलें कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच एक जैसा ही द्विपक्षीय व्यापार व निवेश समझौता के लिए अगले वर्ष बातचीत नए सिरे से शुरू होगी ट्रेड वार्ता से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक 5 ऐसे बड़े मुद्दे हैं जिन पर दोनों पक्षों के बीच भारी असहमति है|

भारत की तरफ से उठाया गया सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि कोई भी व्यापार और निवेश समझौता व्यापक असर वाला होना चाहिए जिसमें सेवा उद्योग को भी शामिल किया जा सके और यूरोपीय संघ की सबसे बड़ी मांग यह है कि भारत उनके यहां से पूरी तरह से तैयार ऑटोमोबाइल को आयात की छूट दे और इन पर मौजूदा शुल्क दरों को कम करें |

यूरोपीय संघ की दूसरी मांग यह है कि यूरोपीय वाइन पर शुल्क की दरें कम की जाए सूत्रों के मुताबिक सरकारी खरीद और वाइन पर सीमा शुल्क की दरें घटाने की मांग पर भारत-पाक लचीला रुख अपना सकता है गौरतलब है कि भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार यूरोपीय संघ है ॥

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