आर्थिक मोर्चे पर सरकार को लगातार मिल रही विफलता के बीच जीएसटी संग्रह का आंकड़ा राहत देने वाला है।राजग सरकार ने जब जीएसटी लागू किया था तो यह अनुमान लगाया था कि हर साल 12 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा जीएसटी का संग्रह होगा पर हर महीने एक लाख करोड़ जीएसटी संग्रह नहीं हो पाया और सिर्फ तीन बार ही ऐसा हो पाया है जब जीएसटी 100000 करूं कि ऊपर पहुंचा है।
इस साल इस साल अप्रैल में जीएसटी संग्रह 100000 के पार हो गया था मई में भी एक लाख करोड़ के पार था जुलाई में भी एक लाख करोड़ का आंकड़ा जीएसटी ने छू लिया था और अब 3 महीने के बाद नवंबर में जीएसटी ने एक बार फिर एक लाख करोड़ का आंकड़ा छू लिया है।
हालांकि अभी भी बाजार के आंकड़े सरकार को राहत नहीं दे रहे हैं ऑटोमोबाइल सेक्टर में जो मंदी छाई हुई थी उसमें कमी आई है लेकिन अभी भी निर्यात को हटा दें तो घरेलू बिक्री में गिरावट ही है वही सब्जियों में प्याज सरकार को रुला रहा है और उसका दाम 100 के पार चला गया है।
सरकार प्याज की खपत बढ़ाने के लिए आयात का फैसला ले रही है और कभी मिश्र से तो कभी तुर्की से प्याज की बात हो रही है पर अब तक बाजार में प्याज लोगों को रुला ही रहा है।