केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए नए कृषि कानून के खिलाफ देश की राजधानी दिल्ली में आज लगातार 21 दिन से प्रदर्शन हो रहा है। ऐसा पहली बार नहीं होगा जब किसी राजनेता ने किसान आंदोलन पर टिप्पणी की हो।
आपको बता दें कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ने इससे पहले भी भारत में चल रहा है किसान आंदोलन पर टिप्पणी की थी जिसके बाद भारत ने उन्हें करारा जवाब देते हुए कहा था कि ये हमारे देश की बात है कृपया अन्य दल इसमें ना पड़े।"
परंतु एक बार फिर कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारत के ऊपर टिप्पणी की, जिससे दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब होने लगे हैं।
पूरे मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि भारत ने दोनों देशों के बीच होने वाली शीर्ष राजनयिक स्तर की बातचीत को रोक दिया है। भारतीय विदेश सचिव रीवा गांगुली दास और कनाडाई के बीच मंगलवार को बातचीत होने वाली थी जिसे भारत में स्थगित कर दिया है।
इससे पहले भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले हफ्ते हुई कोविड-19 मे मंत्री समूह की बैठक को भी छोड़ दिया था।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ने एक बार फिर किसान आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि "कनाडा हमेशा से शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार के पक्ष में खड़ा हुआ है।"
कनाडा में करीब 16 लाख लोग ऐसे हैं जो भारत के रहते हैं इनमें अलग-अलग समुदाय के लोग वहां के निवासी बन चुके हैं।
नेहा शाह