पाकिस्तान विदेश कार्यालय (एफओ) ने कहा कि वह पड़ोसी देश में आतंकवादियों द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों की भयानक और घृणित हत्या को लेकर ईरानी अधिकारियों के संपर्क में है। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई। आज सुबह अज्ञात हथियारबंद लोगों ने सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में सरवन शहर के सिरकन पड़ोस में एक घर में नौ गैर-ईरानी लोगों की हत्या कर दी। एजेंसी ने कहा कि अभी तक किसी संगठन या व्यक्ति ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। बलूच मानवाधिकार संगठन हलवाश ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि मारेे गए लोग पाकिस्तानी मजदूर थे, जो एक ऑटो मरम्मत की दुकान पर काम करते थे।
अन्य तीन घायल हो गए। इस मामले पर मीडिया के सवालों के जवाब में एफओ प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है : यह एक भयावह और घृणित घटना है, हम इसकी स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं। हम ईरानी अधिकारियों के संपर्क में हैं और हमने घटना की तुरंत जांच करने और इस जघन्य अपराध में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने की जरूरत पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा कि ज़ाहेदान में पाकिस्तान के वाणिज्य दूत उस अस्पताल के रास्ते में हैं, जहां घायलों का इलाज किया जा रहा है। वह लंबी दूरी और सुरक्षा अनिवार्यताओं के बावजूद कुछ घंटों में पहुंच जाएंगे। बलूच ने कहा कि वाणिज्य दूत स्थानीय अधिकारियों से भी मिलेंगे और उन पर इस अपराध के अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तत्काल जरूरत पर जोर देंगे।
ईरान के सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित सरवन शहर के सिरकान इलाके में एक वाहन मरम्मत की दुकान पर हुए हमले में कम से कम नौ पाकिस्तानी नागरिक मारे गए और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। पीडि़त लोग मुल्तान, मुजफ्फरगढ़ और बहावलपुर सहित जिलों से थे। हमले के लिए जिम्मेदार सशस्त्र हमलावर अज्ञात हैं।
ईरान में पाकिस्तान के राजदूत मुहम्मद मुदस्सिर टीपू ने दुखद घटना की पुष्टि की और ईरान से मामले में पूर्ण सहयोग देने का आग्रह किया।अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए एक बयान में राजदूत टीपू ने हत्याओं पर गहरा दुख जताया और आश्वासन दिया कि दूतावास शोक संतप्त परिवारों की मदद करेगा।
यह हमला पाकिस्तान और ईरान के बीच हाल ही में कई घटनाओं के कारण पैदा हुए तनाव के बीच हुआ है। ईरान ने 16 जनवरी को कथित तौर पर आतंकवादी संगठन जैश उल-अदल को निशाना बनाते हुए पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के भीतर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। जवाब में पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र के उल्लंघन की निंदा की और ईरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया।