द हिन्दू अखबार ने डेनमार्क के पीएम के हवाले से फेक न्यूज़ दे दी और अभी तक कोई सफाई नही आयी
अब अच्छे से अच्छी चीज भी सही होगी इसकी कल्पना करना भी मुमकिन नहीं है क्योंकि लोगो को मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए मौका चाहिए और कुछ अख़बार समूह और टीवी चैनल तो थोडा सी भी मौका मिल जाए तो इसे जाने नहीं देते \ हाल का उदाहरण द हिन्दू अखबार का है जिसने डेनमार्क के
पीएमके हवाले से गलत खबर दे दी की भारत में कोरोना की हालत बदतर होती जा रहे है \ डेनमार्क के राजदूत द्वारा ट्विटर पर ही नकारने के बाद अब तक अख़बार ने कोई सफाई नहीं दी है \
आज कल मोदी विरोध में बड़े बड़े और कई अच्छे अखबार और मीडिया हाउस भी अनर्गल छाप रहे है \ विरोध लोकतंत्र का हिस्सा है पर जैसे अंध भक्ति बुरी है उसी तरह अंधे हो कर बुराई करना भी ठीक नहीं है इससे लोकतंत्र मजबूत नहीं होता वो भी अँधा हो जाता है और लोग गड्ढे में गिर जाते है \उम्मीद ये है की लोकतंत्र के ये स्तम्भ इसको जीवित रखेंगे और न तो अंधभक्ति और न ही अंधे हो कर बुराई करेंगे \