उत्तर प्रदेश में बिजली वितरण कंपनी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण के विरोध में उत्तर प्रदेश बिजली विभाग के कर्मचारी सोमवार को हड़ताल पर चले गये। इस कारण वाराणसी, देवरिया, चंदौली, बाराबंकी, प्रयागराज, मिर्ज़ापुर, गाजीपुर, आजमगढ़, भदोही सहित कई जिलों में पिछले 24 घंटे से बिजली गुल है। निजीकरण के खिलाफ सोमवार से बिजली कर्मियों का प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार शुरू हो गया। पीवीवीएनएल मुख्यालय ऊर्जा भवन पर जमा हुए बिजली कर्मियों ने सरकार पर जोरदार हमला बोला। इस दौरान कैश काउंटर और कार्यालय बंद रहने से न तो बिल जमा हो सके और न ही कनेक्शन संबंधी काम हो सके। लोगों को मायूस होकर लौटना पड़ा।
संघर्ष समिति ने जहां कार्य बहिष्कार कर दिया है, वहीं उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने आंदोलन की दूसरी राह पकड़ ली है। चूंकि इस संगठन ने निजीकरण को आरक्षण के लिए खतरा बताया है, इसलिए फैसले के खिलाफ राजनीतिक समर्थन जुटाने की कवायद जारी है। अपने आंदोलन के चौथे दिन सोमवार को एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में दस सदस्यीय प्रतिनिधमंडल ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाहर होने की वजह से उनकी तरफ से सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी को एक ज्ञापन सौंपा। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे से भी मुलाकात कर सहयोग मांगा। एसोसिएशन का कहना है कि जल्द ही राष्ट्रीय दलों के राष्ट्रीय नेताओं से भी मुलाकात कर उनसे भी सहयोग मांगा जाएगा।
अराधना मौर्या