जानिए क्या किसान आंदोलन में पड़ रही है दरार

Update: 2021-01-28 16:07 GMT

26 जनवरी को किसान आंदोलनकारियों द्वारा ट्रैक्टर परेड का आयोजन किया गया था। जिसमें पुलिस तथा आंदोलनकारी किसानों के बीच झड़प हुई तथा कुछ आंदोलनकारी किसान लाल किले पर अपना झंडा फहरा दिया जिसके कारण देश में किसान आंदोलन की काफी आलोचना भी हुई और किसान आंदोलन एक हिंसा का रूप धारण कर लिया। इस घटना के बाद आंदोलन कारी किसान संगठनों के नेताओं में मतभेद उत्पन्न हो गया है।

जिसके कारण दो किसान संगठनों ने अपने आपको किसान आंदोलन से अलग करने की घोषणा कर दी है। भारतीय किसान यूनियन (भानु) और राष्ट्रीय मजदूर संगठन ने करीब 40 किसान संगठनों से मिलकर बने संयुक्त किसान मोर्चा से अलग होने का ऐलान कर दिया है।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के दोषी नेताओं को संगठन से बाहर निकालने के मुद्दे पर किसान नेताओं के बीच मतभेद उत्पन्न हो गया है। इसके अलावा राकेश टिकैत के एक वीडियो पर भी किसान संगठनों के नेताओं ने नाराजगी जताई है जिसमें राकेश टिकैत किसानों को अपने साथ परेड में डंडे लाने की कथित तौर पर अपील की है।

राष्ट्रीय मजदूर संघ के नेता वीएन सिंह ने राकेश टिकैत गंभीर आरोप लगाए हैं और अपने संगठन को आंदोलन से अलग करने की घोषणा कर दी है।

वीरेंद्र सिंह ने कहा हम अपने आप को इस आंदोलन से अलग करते हैं जो अपना दिशा भूल गया है और हिंसात्मक रुख की ओर अग्रसर हो रहा है।


अरुण मौर्य


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