जम्मू कश्मीर के नेताओं के साथ 24 जून को बातचीत पर बोला पाकिस्तान, कहा- भारत को कोई भी गैर कानूनी कदम उठाने से बचना होगा।

Update: 2021-06-20 09:38 GMT

जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने  के बाद पहली बार केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाटी के सभी नेताओं के साथ एक मीटिंग का आयोजन किया है। बता दें कि इस कार्यक्रम का आयोजन 24 जून को है और पीएम मोदी ने 14 नेताओं के साथ बैठक का आयोजन किया है।

भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के मुद्दों नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित करने के बाद ही पाकिस्तान में शनिवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि वह जम्मू कश्मीर की जनसांख्यिकी में किसी भी बदलाव और बंटवारे का विरोध करेगा। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि भारत को आगे किसी भी गैरकानूनी कदम को उठाने से बचना चाहिए। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि 5 अगस्त 2019 के बाद भारत को किसी भी तरह के गैरकानूनी कदम को नहीं उठाना चाहिए।

इतना ही नहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि पाकिस्तान 5 अगस्त 2019 की धारा 370 हटाने के मुद्दे का विरोध करता है। उन्होंने कहा कि हमने इस मुद्दे को कई अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उठाया है।

हमने यूएनएससी पर भी इस मुद्दे को उठाया है। साउथ एशिया में सही मायने में शांति तभी आ सकती है जब कश्मीर मसल हल हो जाए।

इतना ही नहीं कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान भारत द्वारा जम्मू कश्मीर के बंटवारे और इसके जनसांख्यिकी में बदलाव को बर्दाश्त नहीं करेगा। गौर करने वाली बात है कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते काफी खराब हो गए हैं। अनुच्छेद 370 के हटने के बाद आपसी मतभेद और बढ़े हैं, जब जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था।

गौरतलब है कि भारत ने हमेशा से अपने बयान जारी करते हुए कहा है कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाना भारत का आंतरिक मामला है जिसमें पाकिस्तान दखल नहीं दे सकता। भारत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों में भी यह स्पष्ट हो चुका है कि भारत और जम्मू कश्मीर के मसले पर पाकिस्तान दखलंदाजी नहीं कर सकता।

नेहा शाह

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