-प्रियांशी सिंह-
गुजरात:- जकिया जाफरी द्वारा गुजरात दंगे पर दायर याचिका को ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी और तीन जजों की बेंच में हुई सुनवाई के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार तीस्ता सीतलवाड़ का जिक्र किया। कोर्ट में जहां मोदी पर लगे आरोपों को अर्थहीन बताया वही तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर कहा कि उन्होंने जकिया जाफरी की भावनाओं के साथ खेला है।
कोर्ट के इस बयान के बाद 25 जून को एटीएस की टीम ने तीस्ता सीतलवाड़ को हिरासत में ले लिया और उन्हें पूछताछ के लिए अहमदाबाद ले गई। तीस्ता सीतलवाड़ पर आरोप है कि उन्होंने गुजरात दंगे मामले में पीड़ितों को सहायता देने के उद्देश्य से विदेशों से करोड़ो रूपये की फंडिंग करवाई और उस फंडिंग के पैसे का उपयोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए किया। तीस्ता सीतलवाड़ पर लगे इन आरोपो और एटीएस की गिरफ्तारी ने उन्हें चर्चा का विषय बना दिया है और आज हर कोई इनके बारे में जानना चाहता है। तो आइये जानते हैं कौन है तीस्ता सीतलवाड़ और क्या है गुजरात दंगे में इनकीं भूमिका....
कौन है तीस्ता सीतलवाड़ :-
तीस्ता सीतलवाड़ पेशे से पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता है। यह समाज के लिए कार्य करती है और उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए तत्पर रहती है। 2002 में गुजरात दंगे में पीड़ितों को मदद देने के लिए CJP संगठन को गठित किया गया। तीस्ता सीतलवाड़ इस संगठन की सचिव थी। यह एक गैर सरकारी संगठन था।
जकिया जाफरी की याचिका के अलावा CJP संगठन ने गुजरात दंगे के परिदृश्य में स्पष्ट जांच की मांग उठाते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी और कहा था कि दंगे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कई बड़े राजनेता और सरकारी अधिकारी सम्मिलित है उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
तीस्ता सीतलवाड़ का जन्म मुंबई में 1962 में हुआ था। इनके पिता पेशे से वकील थे और इनके दादा भारत के पहले अटॉर्नी जनरल। तीस्ता के पति पत्रकार हैं और इन्होंने अपने पति का समर्थन करने के उद्देश्य से पत्रकारिता की राह पर कदम रखा और कई बड़े अखबारों में काम किया। तीस्ता सीतलवाड़ ने अपनी पढ़ाई मुंबई यूनिवर्सिटी से पूरी की। तीस्ता सीतलवाड़ को गुजरात दंगों की आवाज उठाने के लिए 2002 में राजीव गांधी राष्ट्रीय सद्भावना पुरस्कार भी मिल चुका है. 2007 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा जा है।
तीस्ता पर क्या है आरोप:-
तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने गुजरात दंगे के नाम पर मिले फंड का दुरुपयोग किया है। उन्होंने एक सामाजिक संस्था का निर्माण गुजरात दंगे में पीड़ित लोगों की मदद के लिए किया ओर विदेशों से चंदा लिया, उसका दुरुपयोग किया। तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर आरोप है कि उन्होंने गुजरात दंगे मामले में झूठी खबरों का प्रचार प्रसार किया और नरेंद्र मोदी की छवि खराब करने की कोशिश की। इसके अलावा उन पर जालसाजी, आपराधिक साजिश और उनके साथ मारपीट किए जाने का झूठा आरोप लगाकर कानूनी कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप है।
जाने क्या कहा कोर्ट ने:-
गुजरात दंगे के परिपेक्ष्य में सुप्रीम कोर्ट ने मोदी को क्लीन चिट देते हुए जकिया जाफरी की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर कहा कि गुजरात दंगे में जकिया जाफरी के पति की मौत हुई, तीस्ता ने उनकी भावनाओं का शोषण किया और कानून का दुरुपयोग किया जो गलत था। सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी जांच की तारीफ की और तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि जितने लोग कानून से खिलवाड़ करते हैं उनके खिलाफ ऐक्शन लिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ का नाम भी लिया और कहा कि सीतलवाड़ के खिलाफ और जांच की जरूरत है।
क्या बोले अमित शाह:-
अमित शाह ने कहा की कोर्ट ने तहलका द्वारा किए गए स्ट्रिंग ऑपरेशन को खारिज कर दिया है। क्योंकि जब इस मामले की जांच हुई तो पता चला की इसे राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया गया था। वही कोर्ट ने सत्य को समझा और इस मामले में मोदी को क्लीन चिट मिली है। कानूनी जांच हो रही है जल्द ही मामले का खुलासा होगा। जानकारी के लिए बता दें तलहका ने नवंबर 2007 में 'The Truth: Gujarat 2002' नाम से इनवेस्टिगेटिव रिपोर्ट प्रकाशित की थी। स्टिंग ऑपरेशंस के आधार पर दावा किया गया था कि गुजरात में दंगाइयों को पुलिस और सीएम नरेंद्र मोदी का समर्थन था।
वही तीस्ता सीतलवाड़ का कहना है कि उनपर लगे आरोप गलत है लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ हेतु ऐसा कर रहे हैं और उन्हें फसा रहे हैं। तीस्ता ने यह भी स्पष्ट किया है कि भाजपा 2022 में होने वाले चुनाव के परिपेक्ष्य से इस मुद्दे को हवा दे रही है और गुजरात की जनता को भ्रमित करने का षड्यंत्र रच रही है। वही इस मामले पर भाजपा का कहना है कि तीस्ता के खिलाफ कानून कार्यवाही कर रहा है मामले में जो सत्य है जल्द सामने होगा।