2 अगस्त को 'शिव योग' के दुर्लभ संयोग में मनाई जाएगी नागपंचमी

Update: 2022-07-30 04:38 GMT

 2 अगस्त मंगलवार को श्रावण शुक्ल पंचमी तिथि अर्थात नाग पंचमी  मनाई जाएगी इस बार तिथि विशेष  शिव योग का दुर्लभ संयोग बना है इस योग  में नाग पंचमी पर्व का पढ़ना अति शुभ और अद्भुत है |  इसलिए इस योग में नागदेव के पूजन का अवसर नहीं गवाएं इस दिन विधि विधान से पूजन अर्चन अवश्य करें इससे अनंत पुण्य की प्राप्ति निश्चित है काशी धर्म परिषद के महासचिव प्रख्यात ज्योतिषाचार्य  पंडित ऋषि द्विवेदी ने बताया कि इस बार नाग पंचमी तिथि 2 अगस्त को भोर 2:34 पर लगेगी जो कि 3 अगस्त को भोर 2:25 तक रहेगी इस पर्व पर शिव योग का साथ पूरे दिन मिलेगा पूजन के लिए सुबह का मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ है तिथि विशेष पर नाग  आकृतियों और नागदेव के विग्रहो  का यथाशक्ति पंचोपचार व षोडशोपचार पूजन कर नागदेवता को पंचामृत ,घृत ,कमल ,दूध लावा अर्पित  करने से नाग देव प्रसन्न होते हैं और अपना भय  जनमानस को नहीं देते हैं |




 



 




कालसर्प योग :  ज्योतिष शास्त्र में राहु केतु जनित या जिनकी कुंडली में राहु केतु की महादशा या  अंतर्दशा प्रत्यंतर दशा अनिष्ट हो उन लोगों को इस दिन पूजन अवश्य करना चाहिए काशी में इस दिन नाग  कुंड यात्रा दर्शन का विधान है चुकी कालसर्प योग सदैव अशुभ नहीं होता इसलिए जिनकी कुंडली में कालसर्प योग हो वह जातकों को शुभता  बढ़ाने या अशुभता  को समानार्थ कालसर्प योग की शांति कराने से निश्चित लाभ होता है | 

कालसर्प योग को लेकर लोगो में भ्रांतियां : श्री द्विवेदी के अनुसार कालसर्प योग के बारे में कई भ्रांतियां हैं लेकिन प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों जिसमें मानसागरी , वृहद जातक आदि में सर्प योग का वर्णन विस्तृत रूप से मिलता है और जिसके प्रभाव भी दिखते हैं इस निमित्त शांति के लिए देश में कई अति प्राचीन मंदिरों का उल्लेख पुराणों में वर्णित है  |  विज्ञान की  ज्योतिष शास्त्र में कालसर्प योग को माना गया है सर्प का प्रतिनिधित्व राहु करता है अतः आधुनिक ज्योतिषियों ने सर्प दोष को कालसर्प योग के नाम से संबोधित किया है  | 

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