तमिलनाडु में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकार ने संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला ले लिया है। यह पाबंदी सोमवार से अमल में आएगी, जबकि दो हफ्तों के लिए रहेगी। वहीं, कर्नाटक में ऑक्सीजन संकट के बीच कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर दो हफ्ते के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया है।
हालांकि, इस दौरान जरूरी सेवाओं के लिए छूट रहेगी। सूबे में बंदी का यह फैसला तब लिया गया, जब सूबे में हर रोज करीब 50 हजार के आसपास कोरोना संक्रमण के केस आने लगे थे।
डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने शुक्रवार सुबह ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। क़रीब एक दर्जन मंत्री ऐसे हैं जो पहली बार इस तरह की ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं।
हाल ही में संपन्न हुए तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में डीएमके और यूपीए के गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया है। इसने 232 सीटों वाली विधानसभा में 159 सीटें जीतकर क़रीब दो-तिहाई बहुमत प्राप्त किया है।
एआईएडीएमके और बीजेपी के गठबंधन ने 75 सीटें ही जीतीं। मुख्यमंत्री बनने के बाद स्टालिन ने कोरोना को नियंत्रित करने को अपनी प्राथमिकता में रखा है और ग़रीबों के लिए राहत पैकेज की भी घोषणा की है।
इसी बीच मुख्यमंत्री ने आज अब लॉकडाउन की घोषणा कर दी। बता दें कि शुक्रवार को 22,381 लोग कोरोना से ठीक हो गए. राज्य में कोविड के एक्टिव मरीज फिलहाल 1,35,355 हैं। वहीं, चेन्नई में संक्रमण के 6,738 नए मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 3,77,042 हो गई है। अब तक 5,081 मरीजों की यहां मौत हो चुकी है।
अराधना मौर्या