अंबेडकर विश्वविद्यालय के प्रोक्टोरियल बोर्ड में प्रो० शालिनी अग्रवाल बनी डिप्टी प्रॉक्टर , कई महिला शिक्षिकाओं को मिली जगह
नये कुलनुशासक, प्रो महेंद्र प्रताप सिंह, के आते ही अंबेडकर विश्वविद्यालय में बदलाव देखा जा सकता है । चाहे वो परिसर में तेज गति से गाड़ी चलाने पर जुर्माना लगाना हो या फिर नयी प्रोक्टोरियल टीम का गठन सभी में नये कुलानुशासक की शैली सामने आ रही है ।
प्रोक्टोरियल बोर्ड की नयी घोषित टीम में जहां एक ओर कई पुराने चेहरे अपना नाम न होने से निराश है वहीं नयी टीम में महिला शक्ति की भरमार इसे एक नया रूप भी दे रही है । उन्नीस सदस्यीय टीम में आठ महिला शिक्षिका को जगह एक नयी उम्मीद जगाती है ।
पूर्व कुलनुशासक प्रो संजय कुमार के समय छात्रों के ऊपर की गई सख़्ती से काफ़ी नाराज़गी थी साथ ही कई विद्यार्थियों के ऊपर की गई कारवाई से भी छात्र संगठनों में काफ़ी ग़ुस्सा था । इनके हटने की खबर को छात्रों ने मिठाई बाँट कर सेलिब्रेट किया था ।
आज नये प्रॉक्टर से छात्रों को उम्मीद है कि उनके ऊपर की गई कारवाई और निष्कासन वापस किया जाएगा । हालाकि छात्रों के उम्मीद पर नये प्रॉक्टर कितना खरे उतरते हैं ये तो वक्त बताएगा।
अंबेडकर विश्वविद्यालय में हॉस्टल की समस्या हो या फिर विभिन्न विभागों में कुर्सी से लेकर इक्विपमेंट की दयनीय स्थिति से नया प्रशासन किस तरह निपटेगा और छात्र कितना इनके काम से संतुष्ट होंगे इस पर चर्चा अवश्य होगी।
वहीं चर्चा है कि शिक्षकों और विद्यार्थियों का एक संघटन विश्वविद्यालय में परमानेंट कुलपति की जल्द नियुक्ति के लिए विशेष प्रयास कर रहा है ।