कोविशील्ड के दो डोज के बीच गैप बढ़ाने पर सरकार ने दी सफाई

Update: 2021-06-16 10:56 GMT

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए कोविशील्ड वैक्सीन के दो डोज के बीच के अंतराल को 6-8 सप्ताह से बढ़ाकर 12 से 16 सप्ताह करा गया है. इसको लेकर कई संगठन सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि वैक्सीन की कमी को लेकर यह फैसला लिया गया है. उनका कहना है कि भारत सरकार ने वैज्ञानिक समूह की सहमति के बिना कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराक के बीच के अंतर को दोगुना कर दिया था. इस बीच सरकार के सलाहकार पैनल के तीन सदस्यों का कहना है कि भारत सरकार ने वैज्ञानिक समूह की सहमति के बिना कोविशील्ड वैक्सीन की दो खुराक के बीच के अंतर को दोगुना कर दिया था.

राज्य द्वारा संचालित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के पूर्व निदेशक एमडी गुप्ते ने कहा कि NTAG ने खुराक के बीच गैप को 8-12 सप्ताह तक बढ़ाने का समर्थन किया था. ये विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह थी, लेकिन समूह के पास 12 सप्ताह से अधिक के अंतराल के प्रभावों के संबंध में कोई डेटा नहीं था.

उन्होंने कहा, 'आठ से 12 सप्ताह कुछ ऐसा है जिसे हम सभी स्वीकार करते हैं. 12 से 16 सप्ताह, जिसे सरकार लेकर आई है...यह ठीक हो सकता है, नहीं भी हो सकता है. हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.' एनटीएजीआई के सहयोगी मैथ्यू वर्गीस ने भी कहा कि समूह की सिफारिश केवल 8-12 सप्ताह के लिए थी.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने ट्वीट कर कहा कि कोविशील्ड की दो खुराक के बीच अंतराल बढाने का निर्णय वैज्ञानिक आंकड़ों के आधार पर पारदर्शी तरीके से लिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि भारत में ऐसे डेटा हेल्थ का आकलन करने के लिए तंत्र हैं. बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे मामलों का भी राजनीतिकरण किया जा रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का यह बयान उन चर्चाओं को लेकर आया है जिसमें कहा जा रहा है कि टीके की डोज के अंतराल को वैज्ञानिक समूह के समर्थन बिना किया गया है.

अराधना मौर्या

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