सुप्रीम कोर्ट ने की पंजाब में 1158 सहायक प्रोफेसरों की भर्ती रद्द

Update: 2025-07-15 08:04 GMT


सुप्रीम कोर्ट से पंजाब सरकार को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में 1158 सहायक प्रोफेसरों और लाइब्रेरियन की भर्ती को रद्द कर दी है। सर्वोच्च न्यायालय की जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने इस नियुक्ति को खारिज किया है।

इससे पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच के सितंबर 2024 के फैसले में इस नियुक्ति को सही ठहराया गया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह भर्ती प्रक्रिया मनमाने ढंग से चलाई गई थी, जिसमें नियमों और कानूनों को ताक पर रखा गया है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को यूजीसी के नियमों के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया को छह महीने के भीतर नए सिरे से शुरू करने का निर्देश भी दिया है।

सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने दलील दी थी कि राज्य के सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसरों की भारी कमी है, इसलिए इस भर्ती को रद्द न किया जाए। इस पर पीठ ने अपने आदेश में कहा कि कॉलेजों में भर्ती के लिए यूजीसी के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। इसलिए, नई भर्ती प्रक्रिया में यूजीसी के नियमों का पूरी तरह पालन किया जाए।

साल 2021 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इस भर्ती को रद्द कर दिया था। हालांकि, इस मामले में दायर की गई अपील पर सुनवाई करते हुए उसी हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सितंबर 2024 में भर्ती को वैध ठहराया था। कुछ उम्मीदवारों ने नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसके बाद एससी ने नियुक्तियो को अब रद्द कर दिया।

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