पंडित ऋषि दिवेदी के अनुसार ....नवमी तिथि की हानि ,14 दिनों का पितृ पक्ष
इस वर्ष पितृपक्ष आठ सितंबर से शुरू होगा। नवमी तिथि की हानि होने से इस बार यह 14 दिन का होगा, जबकि पंचमी तथा षष्ठी तिथि का श्राद्ध एक दिन (12 सितंबर) किया जाएगा। श्राद्ध का क्रम सात सितंबर को पूर्णिमा तिथि पर आरंभहो जाएगा। प्रतिपदा का मान आठ सितंबर हो होगा।
प्रतिपदा तिथि सात सितंबर को रात्रि 11:47 बजे लगेगी जो आठ सितंबर को रात्रि 10:15 बजे तक रहेगी। ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी ने बताया कि मातृ नवमी 15 सितंबर को पड़ेगी। यदि महिला की मृत्यु की तिथि ज्ञात न हो तो इस दिन उनके श्राद्ध का विधान है। 17 सितंबर को इंद्रा एकादशी के व्रत-उपवास और श्राद्ध के विधान किए जाएंगे। द्वादशी तिथि 18 सितंबर को है। इस दिन संन्यासी, यति, वैष्णवजन के श्राद्ध का विधान है।
पूर्णिमा श्राद्ध .रविवार ...7 सितम्बर
प्रतिपदा : सोमवार ..8 सितम्बर
द्वितीया : मंगलवार ..9 सितम्बर
तृतीया : बुधवार ..10.सितम्बर
चतुर्थी : वृहस्पतिवार ..11 .सितम्बर
पंचमी व् षष्ठी :शुक्रवार ... 12 सितम्बर
सप्तमी : शनिवार ... 13 सितम्बर
अष्टमी : रविवार ... 14 सितम्बर
नवमी : सोमवार ...15 सितम्बर
दशमी : मंगलवार...16 सितम्बर
एकादशी :बुधवार ...17सितम्बर
द्वादशी :वृहस्पतिवार ...18 सितम्बर
त्रयोदशी :शुक्रवार ...19सितम्बर
चतुर्दशी :शनिवार ...20सितम्बर
सर्वपितृ विसर्जन :रविवार ....21सितम्बर