आयकर अधिनियम 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। इसके साथ ही ये विधेयक अब कानून का रूप ले चुका है। आयकर अधिनियम 2025, 1961 के आयकर अधिनियम को प्रतिस्थापित करेगा और यह एक ऐतिहासिक सुधार माना जा रहा है। नए कानून का उद्देश्य एक सरल, पारदर्शी और अनुपालन-अनुकूल प्रत्यक्ष कर व्यवस्था की शुरुआत करना है।
12 अगस्त, 2025 को राज्यसभा ने आयकर विधेयक 2025 को लोकसभा को वापस भेजा था, जिससे इस विधेयक को संसद की मंजूरी मिल गई और आयकर अधिनियम, 1961 को पूरी तरह से बदलने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
इस ऐतिहासिक सुधार से प्रत्यक्ष कर प्रणाली में सुधार की उम्मीद है और यह नागरिकों और व्यापारियों के लिए आसान और सुलभ बनेगा।