संविधान हमारे लिए मार्गदर्शक है और यह बड़े गर्व की बात है कि भारतीय संविधान के अगले वर्ष 26 जनवरी को 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
संविधान हमारे लिए मार्गदर्शक है और यह बड़े गर्व की बात है कि भारतीय संविधान के अगले वर्ष 26 जनवरी को 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि संविधान हमारे लिए मार्गदर्शक है और यह बड़े गर्व की बात है कि भारतीय संविधान के अगले वर्ष 26 जनवरी को 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। आकाशवाणी पर मन की बात कार्यक्रम में राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष संविधान दिवस के अवसर पर कई गतिविधियां शुरू हुई हैं जो पूरे साल भर चलती रहेंगी। उन्होंने कहा कि संविधान की विरासत से नागरिकों को जोड़ने के लिए constitution75.com के नाम से एक विशेष वेबसाइट बनाई गई है।
प्रधानमंत्री ने मन की बात के श्रोताओं, बच्चों और युवाओं से इस वेबसाइट को देखने का अनुरोध किया। इस वेबसाइट पर लोग संविधान की प्रस्तावना पढ़ सकते हैं और अपना वीडियो अपलोड कर सकते हैं। इस पर अलग-अलग भाषाओं में संविधान को पढ़ने का अवसर भी मिलता है और संविधान से जुड़े प्रश्न पूछे जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले वर्ष 13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ होने जा रहा है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि प्रयागराज में संगम तट पर जबरदस्त तैयारियां चल रही हैं। उन्होंने साझा किया कि वे कुछ दिनों पहले प्रयागराज गए थे और हेलीकॉप्टर से समूचे कुंभ क्षेत्र को देखा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि महाकुंभ की विशेषता केवल इसकी विशालता में नहीं है बल्कि इसकी विविधता में भी है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन में लाखों संत, हजारों परंपराए और कई अखाड़ा सहित करोड़ों लोग एक साथ एकत्रित होते हैं। उन्होंने कहा कि इसमें कोई भेदभाव नहीं होता है और विविधता में एकता का ऐसा दृश्य विश्व में कहीं ओर देखने को नहीं मिलता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुंभ एकता का महाकुंभ भी है। श्री मोदी ने लोगों से महाकुंभ में भाग लेकर एकता के संकल्प को मजबूत करने का अनुरोध किया। उन्होंने लोगों से समाज में विभाजन और विद्वेष की भावना को नष्ट करने का संकल्प लेने का भी आह्वान किया। महाकुंभ का संदेश, एक हो पूरा देश का नारा देते हुए उन्होंने गंगा के निर्बाध प्रवाह की तरह अविभाजित समाज की उम्मीद भी व्यक्त की।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस बार प्रयागराज में देश और विश्वभर के श्रद्धालु डिजिटल महाकुंभ के भी साक्षी बनेंगे। डिजिटल नेवीगेशन की मदद से लोग विभिन्न घाटों, मंदिरों और साधुओं के अखाड़ों तक पहुंच पाएंगे। इसी नेवीगेशन व्यवस्था से पार्किंग तक पहुंचने में भी मदद मिलेगी। श्री मोदी ने कहा कि पहली बार कुंभ आयोजन में एआई चैट बोर्ड का भी प्रयोग होगा। इसके माध्यम से ग्यारह भारतीय भाषाओं में कुंभ से जुड़ी प्रत्येक जानकारी उपलब्ध हो पाएगी।
प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि कुंभ मेले का पूरा क्षेत्र एआई संचालित कैमरे से लैस किया जा रहा है। कुंभ के दौरान यदि किसी व्यक्ति का कोई सगा-संबंधी बिछड़ जाएगा तो इन कैमरों की मदद से उनकी तलाश करने में मदद मिलेगी। श्रद्धालुओं को डिजिटल माध्यम से खोया और पाया केंद्र की सुविधा भी मिलेगी। उन्हें मोबाइल पर सरकार से स्वीकृत टूर पैकेज, ठहरने की जगह और होम स्टे के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने लोगों से इन सुविधाओं का लाभ उठाने और हैशटैग एकता का महाकुंभ के साथ अपनी सेल्फी अपलोड करने को भी कहा।
एनीमेशन को लेकर प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि कृष, तृष और बाल्टीबॉय, केटीबी, बच्चों में एक सुपरहिट एनीमेशन सीरीज है। श्री मोदी ने कहा कि ये तीन एनीमेशन चरित्र हमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के उन नायक-नायिकाओं के बारे में जानकारी देते हैं जिनकी ज्यादा चर्चा नहीं होती। हाल में इसका दूसरा सीजन बड़े ही खास अंदाज में गोवा में अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फिल्म महोत्सव में शुरू हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सीरीज केवल भारतीय भाषाओं में नहीं बल्कि विदेशी भाषाओं में प्रसारित होती है। इसे दूरदर्शन के साथ-साथ अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकता है।
आकाशवाणी से इस सीरीज का प्रसारण प्रत्येक रविवार को दिन में 10:30 बजे किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय एनीमेशन फिल्मों, रेगुलर फिल्मों और टीवी सीरियल्स की लोकप्रियता दिखाती है कि भारत की क्रिएटिव इंडस्ट्री में कितनी क्षमता है। उन्होंने कहा कि ये इंडस्ट्री ना सिर्फ देश की प्रगति में बड़ा योगदान कर रही है बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है। श्री मोदी ने फिल्म और मनोरंजन की दुनिया को बधाई दी क्योंकि उसने एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना को सशक्त किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश वर्ष 2024 में फिल्म जगत की कई महान हस्तियों की सौंवी जयंती मना रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन विभूतियों ने भारतीय सिनेमा को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई है। श्री मोदी ने कहा कि राजकपूर जी ने फिल्मों के माध्यम से दुनिया को भारत की सॉफ्ट पावर से परिचित कराया जबकि मोहम्मद रफी की आवाज़ में वो जादू था जो प्रत्येक के दिल को छू लेता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्किनेनी नागेश्वर राव गारू ने तेलुगु सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया और तपन सिन्हा की फिल्मों ने समाज को नई दृष्टि दी। उन्होंने कहा कि उनकी फिल्मों में सामाजिक चेतना और राष्ट्रीय एकता का संदेश रहता था तथा ये विभूतियां समूचे फिल्म उद्योग के लिए प्रेरणा रही हैं।
प्रधानमंत्री को ये साझा करते हुए खुशी हुई कि विश्व आडियो विजुअल मनोरजंन शिखर बैठक यानि वेव्ज़ समिट का आयोजन अगले वर्ष भारत में होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि वेव्ज़ शिखर बैठक के दौरान मीडिया और मनोरंजन उद्योग के दिग्गज तथा क्रिएटिव वर्ल्ड से जुड़े लोग भारत आएंगे। श्री मोदी ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन भारत को वैश्विक विषयवस्तु सृजन का केंद्र बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि देश के युवा क्रिएटर्स इस सम्मेलन की तैयारियों में पूरे जोश और उत्साह से जुड़ रहे हैं। श्री मोदी ने कहा कि एक तरफ जहां भारत पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है वहीं क्रिएटर अर्थव्यवस्था एक नई ऊर्जा ला रही है। उन्होंने भारत के मनोरंजन और क्रिएटिव उद्योग से वेव्ज़ शिखर बैठक का हिस्सा बनने का अनुरोध किया।
श्री मोदी ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत की दो प्रमुख उपलब्ध्यिों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पहली उपलब्धि है- मलेरिया से लड़ाई। प्रधानमंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 से 2023 के दौरान भारत में मलेरिया के मामलों और इसके कारण हुई मौतों में अस्सी प्रतिशत तक की कमी आई है। उन्होंने कहा कि यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। उन्होंने कहा कि सभी देशवासियों की भागीदारी के कारण यह सफलता प्राप्त हुई है। श्री मोदी ने कहा कि असम के जोरहाट के चाय बागानों में चार वर्ष पहले तक मलेरिया लोगों के लिए गंभीर चिंता का विषय था। लेकिन जब चाय बागान में रहने वाले लोग इसके उन्मूलन के लिए एकजुट हुए तो उन्हें इसमें काफी सफलता मिली।
प्रधानमंत्री ने मलेरिया को नियंत्रित करने के लिए हरियाणा के कुरूक्षेत्र जिले के मॉडल की भी सराहना की। कुरूक्षेत्र में मलेरिया की निगरानी के लिए लोगों की भागीदारी बहुत सफल रही। नुक्कड नाटकों और रेडियो ने मच्छरों के प्रजनन को कम करने के बारे में जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रधानमंत्री ने विश्व की प्रसिद्ध चिकित्सा पत्रिका लेंसेट का अध्ययन भी साझा किया जिसके अनुसार भारत में कैंसर का उपचार समय पर शुरू करने की संभावना काफी बढ गई है। उन्होंने कहा कि समय पर उपचार शुरू करने का अर्थ है, तीस दिन के भीतर कैंसर रोगी का उपचार शुरू करना और आयुष्मान भारत योजना ने इसमें बडी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस योजना के कारण नब्बे प्रतिशत कैंसर रोगियों का उपचार समय से शुरू हो सका है। श्री मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना ने कैंसर के उपचार में आने वाली वित्तीय समस्याओं को काफी हद तक कम किया है। उन्होंने कहा कि लोग अब कैंसर के समय पर इलाज के लिए पहले से कहीं ज्यादा जागरूक हो गए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि कैंसर से लडने का केवल एक ही मंत्र है- जागरूकता, कार्रवाई और आश्वासन।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सर्दियों के इस मौसम में देशभर में खेलों और फिटनेस से जुडी कई गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि लोग फिटनेस को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में स्कीइंग से लेकर गुजरात में पतंगबाजी तक खेलों को लेकर लोगों में उत्साह देखा जा सकता है। उन्होंने साइक्लिंग को बढावा देने के लिए हैशटेग संडे ऑन साइकिल और हैशटेग साइक्लिंग ट्यूजडे जैसे अभियानों का उल्लेख किया।
श्री मोदी ने कहा कि बस्तर में एक अनूठा ओलिम्पिक शुरू हुआ है जिसका नाम है- बस्तर ओलिम्पिक। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि यह आयोजन एक क्षेत्र में हो रहा है, जहां एक समय माओवादी हिंसा होती थी। बस्तर ओलिम्पिक का शुभंकर है- वाइल्ड वाटर बफेलो और पहाडी मैना। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बस्तर की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता है। पहले बस्तर ओलिम्पिक में सात जिलों के 1 लाख पैंसठ हजार खिलाड़ियों ने भाग लिया। श्री मोदी ने कहा कि बस्तर के युवाओं ने एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिन्टन, फुटबॉल, हॉकी, भारोत्तलन, कराटे, कबड्डी, खो-खो और वॉलीबॉल सहित हर खेल में अपनी प्रतिभा दिखाई है।
बस्तर ओलिम्पिक में तीरंदाजी में रजत पदक जीतने वाली कारी कश्यप ने कहा कि बस्तर ओलिम्पिक ने उन्हें जीवन में आगे बढने का अवसर दिया है। जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतने वाली सुकमा की पायल कवासी ने कहा कि अनुशासन और कठिन परिश्रम के साथ किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुकमा के दोरनापाल की पुनेम सन्ना की कहानी नये भारत का प्रेरित करने वाली है। पुनेम, एक समय नक्सलियों के प्रभाव में थीं लेकिन आज वे व्हीलचेयर पर दौड़ लगाकर पदक जीत रही हैं। कोंडागांव के तीरंदाज रंजू सोरी को बस्तर यूथ आइकन चुना गया है। रंजू का मानना है कि बस्तर ओलिम्पिक दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले युवाओं को राष्ट्रीय मंच पर पहुंचने का अवसर दे रहा है। प्रधानमंत्री ने बस्तर ओलिम्पिक को विकास और खेलों का संगम बताया। उन्होंने श्रोताओं से आग्रह किया कि वे अपने इलाकों में ऐसी खेल स्पर्धाओं को बढ़ावा दें और हैशटेग खेलेगा भारत जीतेगा भारत के साथ खेल प्रतिभाओं की कहानियों को साझा करें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारतीय संस्कृति का प्रकाश दुनिया के कौने-कौने में फैल रहा है। उन्होंने मिस्र के विद्यार्थियों का उल्लेख किया जिन्होंने भारतीय देवी-देवताओं, नृत्य कलाओं और महान विभूतियों के चित्र बनाये हैं। 13 वर्ष की एक दिव्यांग बच्ची ने ताजमहल का चित्र बनाया हे। श्री मोदी ने कहा कि कुछ सप्ताह पहले मिस्र के लगभग 23 हजार विद्यार्थियों ने एक चित्रकारी प्रतियोगिता में भाग लिया था जिसमें उन्होंने भारतीय संस्कृति और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को दर्शाया था। उन्होंने इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी युवाओं की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने पराग्वे में भारतीय दूतावास में एरीका ह्यूबर द्वारा दिये जा रहे आयुर्वेद के परामर्श का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के बारे में परामर्श लेने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उनके पास आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया है कि फिजी में भारत सरकार के सहयोग से एक तमिल शिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले 80 वर्षों में पहली बार प्रशिक्षित तमिल शिक्षक फिजी में तमिल भाषा सिखा रहे हैं।
सफलता की गाथाओं का जिक्र करते हुए श्री मोदी ने ओडिशा के कालाहांडी में सब्जी क्रांति के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कालाहांडी का गोलमुंडा ब्लॉक सब्जियों का केन्द्र बन गया है। दस किसानों के एक छोटे से समूह ने किसान उत्पाद संघ बनाकर खेती में आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल शुरू किया है। आज उनका कृषक संघ करोड़ों रूपये का कारोबार कर रहा है और 45 महिलाओं सहित 200 से अधिक किसान इससे जुडे़ हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2025 दरवाजे पर दस्तक दे रहा है। उन्होंने सभी देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा उन्हें विश्वास है कि आने वाले वर्ष में भारत नई ऊंचाईयों को छुएगा। उन्होंने श्रोताओं से अपने अनूठे प्रयासों को हैशटेग मन की बात के साथ साझा करने का आग्रह किया।