पिछले एक दशक में रक्षा निर्यात में लगभग 35 गुना की बढ़ोतरी: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि देश पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान बनाने और विमान के इंजन के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान के साथ मिलकर देश में इंजन निर्माण का काम शुरू होने जा रहा है। नई दिल्ली में कल एक कार्यक्रम में श्री सिंह ने कहा कि भारत नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देकर और घरेलू कंपनियों के लिए उपयुक्त विकास वातावरण बनाकर एक मजबूत प्रणाली का निर्माण कर रहा है।
श्री सिंह ने कहा कि सरकार ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड-एच.ए.एल. को 66 हजार करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस लड़ाकू विमान बनाने के एक नए ऑर्डर को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि एच.ए.एल. को पहले 48 हजार करोड़ रुपये की लागत से 83 विमान बनाने का ऑर्डर दिया गया था। श्री सिंह ने सभी विदेशी कंपनियों और निवेशकों को देश के जीवंत रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख के भारत की अर्थव्यवस्था की तुलना स्पोर्ट्स कार और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की तुलना डंप ट्रक से करने संबंधी हाल के बयान का हवाला देते हुए, श्री सिंह ने कहा कि यह केवल ट्रोल करने वाली बात नहीं है, बल्कि पाकिस्तान का अपनी स्थिति को स्वीकारना है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को एक साथ आज़ादी मिली और एक ने कड़ी मेहनत, सही नीतियों और दूरदर्शिता से स्पोर्ट्स कार जैसी अर्थव्यवस्था बनाई, जबकि दूसरा असफलता में फंसा रहा, तो यह उनकी अपनी गलती है।
रक्षा मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि रक्षा क्षेत्र में नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देने के लिए इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस की शुरुआत की गई थी। उन्होंने कहा कि सरकार निजी क्षेत्र को विकास का उपयुक्त माहौल प्रदान कर रही है और देश ने लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, टैंकों और पनडुब्बियों सहित मेगा रक्षा कार्यक्रमों के निर्माण के अवसर खोले हैं। उन्होंने कहा कि इससे आने वाले वर्षों में घरेलू निजी कंपनियों को विश्व की शीर्ष कम्पनियां बनने में मदद मिलेगी।
रक्षा मंत्री ने बताया कि पिछले एक दशक में रक्षा निर्यात लगभग 35 गुना बढ़ा है। 2013-14 में रक्षा निर्यात केवल 686 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में बढ़कर 23 हजार 622 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पाद अब लगभग 100 देशों को निर्यात किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि घरेलू रक्षा उत्पादन 2014 के 40 हज़ार करोड़ रुपये से तीन गुना बढ़कर 2024-25 में डेढ़ लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है और चालू वित्त वर्ष में लगभग दो लाख करोड़ रुपये तक पहुँचने की राह पर है।