फिर कसा सिख फॉर जस्टिस पर शिकंजा, केंद्र ने 5 साल के लिए बढ़ाया प्रतिबंध

Update: 2024-09-12 08:51 GMT

(Rns): केंद्र सरकार ने खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी समूह ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) पर लगे प्रतिबंध को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया है। यह कार्रवाई आतंकवाद और अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए लागू की गई कठोर यूएपीए (UAPA) अधिनियम के तहत की गई है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने ‘सिख फॉर जस्टिस’ और अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक मामले दर्ज कर रखे हैं। पिछले साल, एजेंसी ने पंजाब और चंडीगढ़ में उनके संपत्तियों को भी जब्त कर लिया था। भारत सरकार ने पहली बार जुलाई 2019 में ‘सिख फॉर जस्टिस’ पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे अब इस साल बढ़ा दिया गया है।

सिख फॉर जस्टिस की स्थापना 2007 में खालिस्तानी चरमपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने की थी। इसका मुख्य उद्देश्य सिखों के लिए एक अलग देश की मांग करना है। संगठन ने कई अलगाववादी अभियानों का संचालन किया है, जो पंजाब को भारत से अलग करने की बात करते हैं, हालांकि इसका पाकिस्तान के खिलाफ कोई अभियान नहीं है।

2018 में, सिख फॉर जस्टिस ने भारत से पंजाब के अलग होने के लिए एक जनमत संग्रह की अपील की थी, जिसमें दुनियाभर के सिखों को शामिल होने का आह्वान किया गया था। 2020 में, जनमत संग्रह के लिए वोटिंग की प्रक्रिया को दोबारा उठाया गया, जिसमें पंजाब के अलावा कनाडा, अमेरिका, यूरोप, न्यूजीलैंड और अन्य देशों में बसे सिख समुदाय के लोगों को शामिल किया गया। इसके लिए एक वेबसाइट ‘रेफरेंडम 2020’ बनाई गई थी, जिसमें खालिस्तान को मान्यता दिलाने की कोशिश की बात की गई थी, जब सिख भारत से आजादी के लिए एकमत हो जाएंगे।

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