मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है। भाजपा ने चुनाव आयोग से पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची पुनरीक्षण में सावधानी बरतने का आग्रह किया है। भाजपा का आरोप है कि ममता सरकार ने घुसपैठियों के लिए फर्जी दस्तावेज जारी किए हैं।
पार्टी ने जन्म, निवास, वन अधिकार और जाति प्रमाणपत्रों की जांच में सतर्कता बरतने की मांग की है। 24 जून, 2025 के बाद जारी प्रमाणपत्रों को स्वीकार न करने का अनुरोध किया गया है। वहीं भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बीएलओ को धमकी देकर एसआईआर को रोकने की कोशिश करने का आरोप लगाया।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि वे आज एसआईआर के खिलाफ अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए कोलकाता में एक विशाल विरोध मार्च का नेतृत्व करेंगी। वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी उत्तर 24 परगना जिले में एसआईआर के माध्यम से घुसपैठियों को बाहर निकालने की मांग को लेकर जुलूस निकालेंगे।
वहीं तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राज्य में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण कराने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी। पार्टी ने याचिका में इस कवायद को 'असंवैधानिक, मनमाना और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए खतरा' बताया।
इससे पहले, चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट में कहा कि मतदाता सूचियों की एसआईआर प्रक्रिया को लेकर किसी आशंका की जरूरत नहीं है। आपत्तियों पर विचार करने के बाद ही अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।