सरकार का समाचार चैनलों को निर्देश, आपदा-हादसे के दृश्य दिखाने के दौरान ये काम करना होगा जरूरी

Update: 2024-08-12 13:49 GMT

निजी चैनलों को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने निर्देश जारी किए है। सरकार का कहना है कि प्राकृतिक आपदाओं और बड़े हादसों की रिपोर्टिंग करते समय दृश्यों पर तिथि, स्थान और समय की जानकारी जरूर दें।

सरकार ने कहा है कि कई समाचार चैनलों द्वारा लंबे समय तक प्राकृतिक आपदाओं और बड़े हादसों की लगातार कवरेज की जाती है। साथ ही, कवरेज के दौरान उस दिन के दृश्य दिखाए जाते हैं, जिस दिन घटना घटी थी। मंत्रालय ने आगे तर्क दिया कि हादसे या प्राकृतिक आपदाओं के कई दिनों के बाद तक भी समाचार चैनलों द्वारा उन दृश्यों को दिखाया जाता है, जिससे वास्तविकता का पता नहीं चलता। इससे दर्शकों के बीच भ्रम और घबराहट की स्थिति पनप जाती है। परामर्श में कहा गया, ‘दर्शकों की बीच किसी भी तरह की गलतफहमी को दूर करने के लिए, सभी सैटेलाइट समाचार चैनलों को सलाह दी जाती है कि किसी भी प्राकृतिक आपदा या हादसे के दृश्य दिखाते वक्त समय, स्थान और तिथि की भी जानकारी दैं। यह जानकारी दृश्य के ऊपर प्रदर्शित होनी चाहिए।’ऐसा करने से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि दर्शकों तक सही तिथि और समय की जानकारी पहुंचाई जाए। सरकार ने आगे तथ्य दिया कि इससे दर्शकों को वास्तविक स्थिति की जानकारी मिल सकेगी।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सख्त निर्देश दिए हैं कि निजी समाचार चैनलों को ऐसी घटनाओं का प्रसारण करते समय कार्यक्रम संहिता का पालन करना होगा। हाल ही में कई समाचार चैनलों द्वारा केरल के वायनाड और हिमाचल प्रदेश में आई आपदा के दृश्य दिखाए गए थे। इन हादसों की विस्तृत कवरेज को देखते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा परामर्श जारी किया गया है।

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