काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने प्रसाद की गुणवत्ता की जांच कराई

Update: 2024-09-21 14:47 GMT



 तिरुपति बालाजी प्रसाद में गड़बड़ी की खबरें आने के बाद अब काशी विश्वनाथ मंदिर के लड्डुओं की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी क्रम में मंदिर के एसडीएम शंभू शरण सिंह ने लड्डू निर्माण की पूरी प्रक्रिया की जांच की और अपनी टीम के साथ लड्डुओं का स्वाद भी चखा। एसडीएम शंभू शरण सिंह ने बताया कि तिरुपति बालाजी के प्रसाद को लेकर मीडिया में आई खबर के बाद से काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने भी प्रसाद की गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता की जांच शुरू कर दी है। काशी विश्वनाथ मंदिर में देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, इसलिए प्रसाद की गुणवत्ता की जांच करना बेहद जरूरी है।

फूड डिपार्टमेंट की ओर से लगातार गुणवत्ता की जांच की जा रही है ताकि कोई भी चूक न हो सके।लैब टेस्ट से जुड़े सवाल पर एसडीएम ने बताया कि घी की लैब टेस्टिंग कराई गई है, जिसमें किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली है। हालांकि, अधिकारियों ने दोबारा सैंपलिंग कराने का निर्णय लिया है ताकि पूर्ण संतुष्टि सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बाबा विश्वनाथ को अर्पित होने वाला भोग मंदिर के पुजारियों द्वारा ही तैयार किया जाता है, जबकि श्रद्धालुओं के लिए वेंडर के साथ टाईअप किया गया है, जो प्रसाद की पूर्ति करता है।लड्डू निर्माण में लगे वेंडर अशोक हलवाई ने बताया कि लड्डू निर्माण के दौरान गुणवत्ता, शुद्धता और पवित्रता का पूरा ध्यान रखा जाता है। उन्होंने कहा कि उनके वर्कर यहां तक कि वे खुद भी लहसुन-प्याज या मादक पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं।

वर्कर्स मास्क पहनकर पूरी शुद्धता के साथ लड्डू बनाते हैं। अशोक हलवाई ने इस बात पर जोर दिया कि उनके लड्डू निर्माण कार्य में केवल सनातनी लोग ही शामिल होते हैं। गैर सनातनी लोगों का इसमें कोई स्थान नहीं है। लड्डू निर्माण में लगी वर्कर रेखा ने बताया कि वे सुबह घर से नहा-धोकर आती हैं और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखती हैं। खाने-पीने या टॉयलेट के लिए भी उन्हें निर्माण स्थल से बाहर जाना पड़ता है। वहीं, वर्कर अभिषेक ने भी बताया कि साफ-सफाई और शुद्धता को सर्वोपरि रखा जाता है, ताकि श्रद्धालुओं को उच्च गुणवत्ता वाला प्रसाद मिल सके।

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