आज १४ अगस्त पाकिस्तान का प्रकटीकरण दिवस है जिसे हम सब 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते है \ भारत के विभाजन और पाकिस्तान के निर्माण के बाद से ही इस इलाके में हिन्दू और मुस्लिम की जो सियासत शुरू हुई वो अब रुकने का नाम नहीं ले रही है \
पकिस्तान के कायदे आजम जिन्ना ने जब भारत से अलग होकर पाकिस्तान का निर्माण किया तो उनके दिमाग में एक सेक्युलर और प्रोग्रेसिव पकिस्तान था क्योंकि वो खुद विदेश से पढ़ कर आये थे \ पर उन्होंने इस बात पर कभी ध्यान नहीं दिया और नहीं उनको वक़्त मिला की वो पकिस्तान बनने की बुनियाद जो भारत विरोध पर आधारित था को बदल सके \
बहुत ही कम समय में उनकी मृत्यु हो गयी और जिस पकिस्तान का सपना उन्होंने देखा था वो उनके साथ ही दफ़न हो गया \ आज पकिस्तान का मतलब एक ऐसा मुल्क जो भारत के टुकड़े -टुकड़े कर उसे पराजित देखना चाहता है और जिसका सबसे बड़ा हथियार धर्म है |
पकिस्तान के अपने विकास के बारे में सोचने की जगह भारत को पराजित करने की नीति ने इस उप महाद्वीप को विकास के रास्ते से भटका दिया \ भारत तो नहीं बटा पर पकिस्तान के दो टुकड़े हो गए \
पर पकिस्तान यही नहीं रुका , अगर कोई और मुल्क होता तो अपने लोगो की तरक्की के लिए युद्ध का त्याग पर भारत से मित्रता करता और आज दोनों ही राष्ट्र समृद्धि और खुशहाली की ओर चल पड़े होते \ पर गजवा ए हिन्द की चाहत रखने वाले पकिस्तान से इसकी उम्मीद करना तो बेमानी ही था \
भारत ने अपने आप को शक्तिशाली बनाया और विश्व में अपनी पहचान बनायीं | आज विश्व की बड़ी -बड़ी कंपनियों के मलिक और अधिकारी भारतीय है | भारतीय डॉक्टर और इंजीनियर की पूछ हर जगह है \ पर पकिस्तान अभी भी तुर्की और मलेसिया के साथ मिलकर इस्लामी संगठन बना रहा है जिसकी धुरी भारत विरोध है \
भारत विरोध में अंधे हो चुके पाकिस्तान को सिर्फ यही कहना है की अपने नागरिको के बेहतर जीवन के लिए भारत से दुश्मनी नहीं दोस्ती ज्यादा अच्छी होगी \ न सिर्फ सेना का पकिस्तान से नियंत्रण हटेगा बल्कि लोकतंत्र के मूल्य वह स्थापित हो सकेंगे \
आज पकिस्तान उस दोराहे पर खड़ा है जंहा उसे एक ओर चीन जैसे देश की गुलामी करनी पड़ेगी या फिर भारत के साथ मतभेद भुला कर सम्मान के साथ विश्व में अपनी पहचान के साथ खड़े होने का मौका है \ चयन पकिस्तान का है \