नागरिकता कानून से निपटने के लिए देश की सर्वोच्च अदालत है और अगर लोगो को लगता है की रेलवे स्टेशन या फिर बसों , यात्री से भरी जा रही ट्रेन पर पथराव करके उसे वापस कर दिया जाना चाहिए तो पहले उन सब लोगो को उठा कर जेल में डाल देना चाहिए जिनलोगो ने आम जनता का इस कानून के कारण जीना हराम कर दिया है |
हर बार ये देखा जाता है कि आपका गुस्सा सरकार से है और आप जान जनता की ले रहे है | ऐसे उपद्रवियों को सीधे गोली मार दी जानी चाहिय | देश में कानून से उपर कोई नहीं है पर किसी भी भीड़ को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है |
उन मासूम बच्चो का क्या दोष जो इस भीड़ के चंगुल में फसकर दहशत में आ जाते है | क्या नागरिक अधिकार का मतलब दुसरे नागरिको को चोट पहुचाना है अगर ये है तो ऐसे हर चोट पहुचाने वाले लोगो की सिनाख्त कर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजने का उपयुक्त समय है|
अपने अधिकार की मांग करते हुए राष्ट्र और राज्य की संपत्ति का नुकसान पहुचने वाले लोगो को सिनाख्त कर उनकी संपत्ति से इस नुकसान की भरपाई करनी चाहिए तब उन्हें अक्ल आएगी की सरकारी सम्पति का नुकसान नही करना चाहिए |