Happy Birthday Anshuman Gaekwad: भारत के ओपनर ने अकेले ही छुड़ाया था PAK का पसीना
महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के 'राइट हैंड' कहलाने वाले अंशुमन गायकवाड़ आज (23 सितंबर) 69 साल के हो गए. अपने 40 टेस्ट मैचों में ज्यादातर में अंशुमान गायकवाड़ लिटिल मास्टर के ओपनिंग पार्टनर रहे. दाएं हाथ के इस बल्लेबाज को उनकी डिफेंसिव तकनीक के चलते 'द ग्रेट वॉल' भी कहा जाता था. यह तकनीक उस समय बहुत जरूरी भी थी, क्योंकि वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज विश्व पटल पर हावी थे. गायकवाड़ ने 1983-84 में जालंधर टेस्ट मैच में पाकिस्तान के खिलाफ 201 रन बनाने के लिए 671 मिनट बल्लेबाजी की थी. यह उस वक्त प्रथम श्रेणी क्रिकेट का सबसे धीमा दोहरा शतक था.
*विंडीज के खिलाफ खेली थी साहसिक पारी*
1976 में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज का दौरा किया था. उस दौरे पर भारत ने पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए तीसरे टेस्ट में 403 रनों के लक्ष्य के लक्ष्य का सफल पीछा करते हुए इतिहास रच दिया था. तीसरे टेस्ट में मिली इस हार का बदला लेने के लिए वेस्टइंडीज गेंदबाजों ने किंग्सटन में हुए चौथे मुकाबले में बॉडीलाइन रणनीति का सहारा लिया. उस मुकाबले में भारत की पहली पारी में अंशुमान गायकवाड़ को माइकल होल्डिंग की एक गेंद कान पर जा लगी थी और उन्हें अस्पताल जाना पड़ा था. हालांकि इससे पहले गायकवाड़ 81 रनों की साहसिक पारी खेल चुके थे. वह एक ऐसा दौर था, जब न तो हेलमेट थे और न ही बाउंसरों पर प्रतिबंध था।
*इंटरनेशनल करियर*
अंशुमन गायकवाड़ ने 27 दिसंबर 1974 को कोलकाता में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था. टेस्ट मैच में उनकी आखिरी उपस्थिति 31 दिसंबर 1984 को इग्लैंड के खिलाफ शुरू हुए कोलकाता टेस्ट में रही. गायकवाड़ ने 40 टेस्ट मैचों के अपने करियर में 30.07 की औसत से 1985 रन बनाए, जिसमें 2 शतक और 10 अर्धशतक शामिल रहे. उनका बेस्ट स्कोर 201 रन रहा, जो उन्होंने पाकिस्तान के विरुद्ध बनाया था. गायकवाड़ ने भारत के लिए 15 वनडे मैचों में भी हिस्सा लिया. वनडे मैचों में उनके नाम 20.69 की औसत से 269 रन दर्ज हैं.
गायकवाड़ ने 206 फर्स्ट क्लास मैचों में 41.56 की औसत से 12,136 रन बनाए थे. इस दौरान उनके बल्ले से 34 शतक और 47 अर्धशतक निकले हैं. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 225 रन रहा. इसके अलावा गायकवाड़ ने 55 लिस्ट-ए मुकाबले भी खेले, जिसमें उन्होने 32.67 की एवरेज से कुल 1601 रन बनाए.
*रिटायरमेंट के बाद*
अंशुमन गायकवाड़ ने क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद कोचिंग को अपना करियर बनाया था. वह 1997-99 के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच रहे. गायकवाड़ ने गुजरात राज्य उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (GSFC) के लिए भी काम किया और 2000 में इस कंपनी से सेवानिवृत्ति ले ली. जून 2018 में भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने गायकवाड़ को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया. अंशुमन गायकवाड़ के पिता दत्ता गायकवाड़ ने 1959 में इंग्लैंड दौरे पर भारत की कप्तानी की थी.