न्यायालय ने दिये रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना के आदेष

Update: 2022-02-18 17:19 GMT


2004 की मुठभेड़ मामले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक समेत डेढ़ दर्जन पर मुकदमा दर्ज

जलालाबाद (शाहजहांपुर) गत 2004 में जनपद की पुलिस द्वारा संयुक्त ऑपरेशन में मुठभेड़ के दौरान मारे गए 2 लोगों मामले में नया मोड़ आ गया है। मृतक के भाई द्वारा न्यायालय में दिए गए प्रार्थना पत्र के आधार पर धारा 156 3 के अंतर्गत न्यायालय ने रिपोर्ट दर्ज कर मामले की विवेचना के आदेश दिए हैं। इस मामले में पुलिस ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक एवं क्षेत्राधिकारी व अन्य थाना अध्यक्षों एवं पुलिस कर्मियों सहित कुल 19 लोगों के विरुद्ध हत्या व विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर विवेचना आरंभ कर दी है। इस मामले में थानाध्यक्ष जयशंकर सिंह से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।

थाना जलालाबाद क्षेत्र के गांव चचुआपुर निवासी रामकीर्ति ने धारा 156 (3) अर्न्तगत न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि थाना जलालाबाद पुलिस सहित जनपद के विभिन्न स्थानों की लगभग डेढ़ दर्जन पुलिस ने उसके भाई प्रह्लाद वह चाचा धनपाल को खेत में घेरकर उस समय मौत के घाट उतार दिया था जब वे लोग जानवर लेकर खेत पर चराने के लिए गए थे व उसका भाई प्रहलाद सरसों बोने के लिए पटेला लगा रहा था। पीड़ित रामकीर्ति का आरोप है कि गांव की पूरब दिशा से लगभग डेढ़ दर्जन पुलिस वाले आए सभी लोग असलहा से लैस थे तथा उसके भाई प्रह्लाद व चाचा धनपाल को पकड़ लिया उनके हाथ पीछे बांध दिए और गोलियां चला दीं। पीड़ित ने बताया कि उसने यह माजरा अपनी आंखों से देखा था वह भाई और चाचा के लिए खाना लेकर खेत पर गया था उसकी आंखों के सामने यह घटना घटी थी उस समय उसकी उम्र 14-15 वर्ष की रही होगी पुलिस वालों ने उसके चार छः थप्पड़ मारे और घटना स्थल से भगा दिया था। इस दौरान वहां पर अन्य जानवर चरा रहे गांव के लोग भी थे जिसमें रामसहाय, रामदास, उजागर आदि लोग भी घटना को अपनी आंखों से देख रहे थे। उसने बताया कि पुलिस वालों ने रामसहाय को भी पकड़ लिया था और उनकी आंखों पर पट्टी बांधकर किसी अज्ञात स्थान पर ले गए थे बाद में उनका चालान एनडीपीएस की धारा में किया गया था रामसहाय की उम्र उस समय 55-60 साल के आसपास रही होगी।

इस तरह भाई और चाचा की मौत का दर्द रामकीर्ति को आज भी महसूस होता है, वह दर्दनाक दृष्य वह भूल नहीं पाया है कि उसकी आंखों के सामने किस तरह उसके भाई को मारा गया था, उसने बताया कि चाचा और भाई की लाश भी परिजनों को नहीं सौंपी गई थी और उच्च अधिकारियों के आदेष पर पोस्टमार्टम कराने के बाद पुलिस ने स्वयं षवों को जला दिया था। बतादें कि कटरी क्षेत्र में उस समय नरेशा गैंग का आतंक था पुलिस ने इसी गैंग का होना बताते हुए इन दोनों को मौत के घाट उतार दिया था।

प्रार्थना पत्र के अनुसार इस मामले में आर के सिंह तत्कालीन क्षेत्राधिकारी सदर शाहजहांपुर, सुशील कुमार सिंह तत्कालीन पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर, माता प्रसाद तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक शाहजहांपुर, मुन्नू लाल तत्कालीन क्षेत्राधिकारी तिलहर, जयकरन सिंह भदोरिया तत्कालीन क्षेत्राधिकारी जलालाबाद, अशोक कुमार सिंह तत्कालीन थानाध्यक्ष रोजा, सूबेदार सिंह तत्कालीन थानाध्यक्ष सेहरामऊ दक्षिणी, राजेंद्र सिंह तत्कालीन थानाध्यक्ष मदनापुर, हरपाल सिंह तत्कालीन थानाध्यक्ष जलालाबाद, तत्कालीन थानाध्यक्ष कांट, तत्कालीन थानाध्यक्ष जैतीपुर, तत्कालीन थानाध्यक्ष अल्लाहगंज, तत्कालीन थानाध्यक्ष कलान, तत्कालीन थानाध्यक्ष परौर, तत्कालीन थानाध्यक्ष मिर्जापुर, पीके सिंह प्रभारी एसओजी शाहजहांपुर, एस आई वी के सिंह, कांस्टेबल बदन सिंह थाना मदनापुर सहित 19 लोगों को नामजद करते हुए माननीय न्यायालय के आदेशानुसार मुकदमा अपराध संख्या 138/2022 धारा 147, 148, 149, 342 एवं 302 आईपीसी के तहत दर्ज कर जलालाबाद पुलिस ने विवेचना आरंभ कर दी है। इस संबंध में थानाध्यक्ष जय शंकर सिंह से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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