यूपी के छठे चरण के चुनाव में दावा वादा और सामाजिक समीकरण

Update: 2022-03-01 12:25 GMT


यूपी विधानसभा चुनाव छठे चरण में 57 सीटो पर होगा।जिसमे बाहुबलियों के इलाकों में चुनाव में 182 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला तीन मार्च को होगा।इसके बाद अंतिम चुनाव रह जायेगा।भाजपा और सपा में लेखा जोखा चल रहा है।भाजपा सुशासन और विकास के नाम पर वोट मांग रही है तो अखिलेश के कार्यकाल की नाकामियों की भी जनता के सामने ले जा रही है।सारे रजनौतिक दल वादों और घोषणाओं की झड़ी लगाकर जनता को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे है।भाजपा और सपा एक दूसरे को अपना प्रतिद्वंद्वी बता रही है।सपा जाति धर्म और स्थानीय मुद्दे के अलावा राज्य सरकार के कामकाज पर निशाना लगा रही है।वही भाजपा सबका साथ सबका विकास के नाम पर वोट मांग रही है।अखिलेश के कार्यकाल में काम बोलता है कि तर्ज पर वोट मांगे गए लेकिन जनता ने उनको नकार दिया।सपा के कुशासन से एक वर्ग ठगा महसूस कर रहा था।दस जिलों में अंबेडकरनगर,संतकबीर नगर गोरखपुर बलरामपुर बस्ती महाराजगंज कुशीनगर सिद्धार्थनगर बलिया और देवरिया का समावेश है।भाजपा सपा कांग्रेस ने सभाएं की गई।योगी आदित्यनाथ का भी भाग्य का फैसला होगा।गोरखपुर सीट से चुनाव मैदान में है।छठे चरण में सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र है जिसमे 37 निर्वाचन क्षेत्र में दागी उमीदवार है।


ईमानदार व्यक्ति को वोट देना है।इन जिलों में महंगाई और रोजगार का प्रश्न भी खड़ा है।जहा गरीब जनता को रोजी रोटी की मार झेलनी पड़ी थी।किसानों की समस्याओं और गन्ना किसानों से सबसे ज्यादा गन्ना का भुगतान योगी सरकार ने किया है।नवयुवकों की ज्वलंत समस्या को भी नजरअंदाज नही किया जा सकता है।जिसको लेकर कोरोना की महामारी में सहन किया गया है।सबसे ज्यादा आपराधिक मामले सपा उमीदवारो पर दर्ज है तो कांग्रेस बसपा आप और भाजपा में भी आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की लंबी फेहरिस्त है।प्रत्याशियों के खिलाफ दुष्कर्म के भी मामले दर्ज है।इसमें महिला उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में है।इन दागी प्रत्याशी और आपराधिक प्रवृत्ति वाले नेताओं के वर्चस्व पर निर्भर करता है।


पूर्वांचल के बलिया जिला में जनता की महत्वकांशा के लिए पूर्ववर्ती सरकारो को दोष दिया जाता है।जहा चंद्रशेखर पूर्व प्रधानमंत्री,राममनोहर लोहिया,जयप्रकाश नारायण चितु पांडे और मंगल पांडे जैसे दिग्गज बुद्धिजीवियों की जन्मभूमि है।लेकिन आज भी विकास के नाम पर जनता आस लगाए बैठी है।जहा विकास की इबारत लिखी गई है।वहा पर जनता कंधे से कंधा मिलाकर साथ जरूर देगी।

*कांतिलाल मांडोत*

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