प्रेम है जीवन का आधार प्रेम से ही होता है भवसागर पार --- रामेंद्र दास

Update: 2022-03-07 15:45 GMT


जगतापुर मलिहाबाद में सर्वजनिक रूप से आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का वर्णन करते हुए राजेंद्र दास जी महाराज ने अपने मुखारविंद से कहते हैं की दुनिया में मानव जीवन का सबसे अमूल्य रस है तो वह प्रेम ही है प्रेम रस से ही शबरी के घर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने जूठे बेर को खाया प्रेम रस में समाहित होकर मीरा ने अपना सारा जीवन प्रेम रस की भक्ति में विलीन कर दिया उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के चरणों में भक्त विलीन रही , प्रेम भक्तों पर ही भगवान ने ध्रुव को उद्धार किया और उनकी प्रेम भक्ति में प्रसन्न होकर स्वयं प्रकट होकर उन्हें दर्शन दिया इसलिए दुनिया में प्रेम ही एक अनन्य रस है जिसे मनुष्य प्राणी भवसागर को पार कर लेता है ।

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