नूरपुर का 11 करोड़ की लागत से बना मातृ-शिशु अस्पताल दो वर्ष बाद भी अधूरा
जिला कांगड़ा के नूरपुर में 11 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ मातृ-शिशु अस्पताल दो वर्षों से अधिक समय बीत जाने के बावजूद संचालन की बाट जोह रहा है। अस्पताल में आज भी न बिजली है, न पानी, न सीवरेज व्यवस्था और न ही स्टाफ नियुक्ति—जिसके चलते क्षेत्र की जनता स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत हाल ही में 1.59 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है, जिससे अधूरे कार्यों को पूरा करने की आशा जगी है, लेकिन अस्पताल प्रशासन के अनुसार सुविधा को नियमित रूप से शुरू करने के लिए अभी भी 3.18 करोड़ रुपये की और जरूरत है। अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक, बजट प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेज दिया गया है और जैसे ही शेष राशि स्वीकृत होगी एवं निर्माण विभाग से अस्पताल का हैंडओवर मिलेगा, बाकी कार्यों को तेजी से पूरा कर चालू किया जाएगा।
पूर्व वन मंत्री राकेश पठानिया ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि मातृ-शिशु अस्पताल के लिए शिफ्ट किया गया सभी साजोसामान तुरंत वापस लाया जाए और जल्द से जल्द अस्पताल का संचालन शुरू किया जाए। उनके अनुसार, उद्घाटन के बाद सितंबर 2022 से अस्पताल ताले में बंद है और उपकरण अन्य अस्पतालों में भेज देना नूरपुर की जनता के साथ अन्याय है। पठानिया ने केंद्र और भाजपा की ओर से मिले इस अस्पताल को जनता के लिए शीघ्र शुरू करने की आवश्यकता पर बल दिया है।