असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है जहां 21 जिलों में 6 लाख 30 हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं। बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है। श्रीभूमि लगातार दूसरे दिन भी सबसे अधिक प्रभावित जिला बना हुआ है, जहां 2 लाख 30 हजार लोग प्रभावित हैं।
नागांव में 99 हजार जबकि कछार में 89 हजार लोग प्रभावित हैं। हैलाकांडी में भी लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। कई क्षेत्रों में लगातार भारी बारिश के कारण सड़क, रेल और नौका सेवाएं बाधित होने से परिवहन व्यवस्था प्रभावित हुई है। कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने असम और मेघालय के लिए ऑरेंज अलर्ट और अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। असम, मेघालय में अलग-अलग जगहों पर आज गरज और बिजली के साथ भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। जबकि, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के अलग-अलग हिस्सों में गरज और बिजली के साथ भारी वर्षा की संभावना है।
एएसडीएमए (असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार कुल 8 नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। असम में कुल 511 राहत शिविर बनाए गए हैं। एसडीआरएफ, डीडीआरएफ, अंतर्देशीय एवं जल परिवहन, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाएं, स्थानीय प्रशासन कार्यालय लगातार बचाव अभियान चला रहे हैं।
अब तक 120 मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है, जिनमें सबसे ज्यादा 68 टीमें कछार में तैनात हैं। एसडीआरएफ की टीमों ने राज्य में तैनात 72 नावों के जरिए 863 से अधिक लोगों और 411 जानवरों को बचाया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बात कर बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली साथ ही उन्हें केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री सरमा भी लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं।