धराली आपदा का दसवां दिन: मलबे में दबी 'जिंदगियों' की तलाश

Update: 2025-08-14 06:33 GMT



उत्तराखंड के धराली में आई प्राकृतिक आपदा का दसवां दिन है। मौसम की खराबी की वजह से रुका राहत-बचाव कार्य जल्द शुरु हो सकता है। झील को मैनुअल तरीके से खाली करने के प्रयास किए जा रहा है । कल देर शाम एनडीआरएफ एसडीआरएफ की एक टीम ने झील का निरीक्षण किया।

वहीं गंगोत्री नेशनल हाईवे पर डबरानी में बीआरओ द्वारा युद्ध स्तर पर काम चल रहा है। धराली प्राकृतिक आपदा तक पहुंचने के लिए बीआरओ द्वारा हाईवे को दुरुस्त करने का काम जारी है। वहीं देर शाम गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाल कंडार मंदिर खतरे में है। आसपास तेजी से कटान हो रहा है। हर्षिल पुलिस थाना भी खतरे की जद में है। आसपास के इलाके को खाली करवाया गया है। हालात ऐसे हैं कि हर्षिल और धराली के बीच 3 किलोमीटर झील बनने से लोग रात भर घर की छतों पर सोने को मजबूर हैं।

वहीं लापता लोगों की तलाश के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना ने हाई-टेक तकनीकों का सहारा लिया है। मलबे की वजह से राहत और बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण बन गया है। मलबे में दबे लोगों को ढूंढने के लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार का प्रयोग किया जा रहा है। इससे मलबे में करीब 40 मीटर नीचे तक किसी के दबे होने की जानकारी पता चल जाती है। जिन जगहों पर रडार ने संकेत दिए है उन इलाकों में खुदाई की जा रही है।

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