यूपी में जातिगतसमीकरण बहुत मायने रखता है।जिस पार्टी के साथ जातिगत काउंटिंग नही रहती है वो पार्टी हार जाती है।2022 का चुनाव 15.02 प्रतिशत मतदाता मतदान का प्रयोग करेंगे।यूपी में इस बार दलित मुस्लिमो को एक मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है।बसपा के मुस्लिम वोट और सपा के दलित वोट बैंक पर नजर रही है ।लेकिन इस वर्ष दोनों पार्टी की गणित फैल होती दिख रही है।बसपा के साथ दलित नही है तो सपा के साथ इस बार मुस्लिम मतदाता नही जाएंगे।कांग्रेस के पास कोई विजन नही है।गरीबो के लिए कोई विकास नही है उसके पास गरीबो को देने के लिए आश्वासन के सिवाए कुछ भी नही है।मायावती,कांग्रेस और सपा ने दलितों और मुस्लिमों को मोहरा बनाया है।यूपी में ये पार्टियां खोई हुई जमीन तलाश रही है।जनता के साथ आंख मिचौनी तो बहुत की है।अब जाकर इन पार्टियो की आंखे खुली है।लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है।वोट लेकर भी इन दलितों और मुस्लिम समाज को गुमराह ही किया है।समाजवादी पार्टी की सरकार में दलित महिलाओं के साथ खुलेआम बलात्कार होते थे।दलित और मुस्लिम कार्ड भले ही खेला जाए लेकिन इस सेंधमारी से इस बार कोई असर नही होगा।क्योकि सत्तारूढ़ सरकार विकास की रोशनी हर शहर,हर कस्बे और हर गांव तक फैला दी है।यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर लगातार राजनैतिक घोषणाओं का दौर जारी है।यूपी चुनाव को लेकर भाजपा भी सख्त है।
छोटी जातियों को अपने पाले में करने के लिए जातियों को साधने के लिए तैयारी कर दी है।खासकर मायावती और अखिलेश से किनारा कर चुके दलित और मुस्लिम वोट पर भाजपा की निगाह है।ओबीसी की हिस्सेदारी बहुत ज्यादा है।भाजपा धनगर जातियों को अपने तरफ करने की काट खोजने लग गई है।नतीजतन,इन जातियों के लिए भाजपा ने बहुत लुटाया है।समाज मे राशन,पानी,बिजली,गैस सब्सिडी उज्जवला योजना में गैस की होम डिलीवरी और हर महीने की खाद्यान सामग्री की आपूर्ति भाजपा ने की है।इस बार इन जातियों की मंशा फिर से भगवाधारी को लाने की है।छोटी छोटी जातियों से ही पार्टी की हार या जीत सुनिश्चित की जाती है।गरीब तबक्का लोकतंत्र का पांचवा स्तंभ है।क्योंकि ये लोग ही सरकार बनाते है और सरकार गिराने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।इस बार यूपी चुनाव में 52 लाख मतदाता जुड़े है।यूपी में चुनाव की रणभेरी बजने वाली है।इस बार चुनाव आयोग बुजुर्ग एवं दिव्यांगजन के लिए विशेष सुविधा में पोस्टल मतदान की सुविधा दी गई है।केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यूपी में अमेरिका जैसी सड़के बनाने का एलान किया है।अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी की नदियों से जल मार्ग से यूपी को जोड़ने की योजना बनाई गई है।यूपी चुनाव में घोषणाओं का अंबार है जबकि दूसरी पार्टियों के पास केवल वादे है वादों का क्या?
*कांतिलाल मांडोत सूरत*