सरकार ने दोनों डोज लगवाने वालों को प्रोत्साहित करने योजना बनाई है. क्योंकि अभी भी देश में करीब १२ करोड़ लोगों ने केवल एक डोज लगवाई है और उनका निर्धारित समय भी खत्म हो गया है. उन्हें दोनों डोज लगवाने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इण्डिया ो सरकार ने ५० लाख डोज निर्यात करने की अनुमति दे दी है. याने हमारे यहाँ डोज का उत्पादन तेजी से हो रहा है. सरकार को चाहिए कि वो दो डोज लगवाने हेतु लोगों को प्रोत्साहित वषय करे किन्तु घर-घर जाकर टीकाकरण अभियान चलाकर भी वो अपना लक्क्ष्य जल्दी पूरा कर सकती है।
अगर बूस्टर डोज लगाने का वक्त आरम्भ हो गया है तो वह भी सरकार आरम्भ कर दे ताकि जिनके दो डोज पूरे हो गए हैं उन्हें बूस्टर डोज दिया जा सके. क्योंकि जब हमारे यहाँ डोज का अधिक उत्पादन रहा है तो उसका सदुपयोग भी हो जाएगा और बूस्टर डोज जो कि अंततोगत्वा लगाना ही है फिर इसमें विचार क्यों ? क्योंकि आगे बच्चों को भी डोज लगना है. जितना काम निपटे उसे सरकार को निपटा ही लेना चाहिए ताकि एकदम भीड़ ना बढे और स्टाफ की कमी महसूस होने लगे।