विभिन्न विचारधारा, संप्रदाय, जाति,खान-पान, वेशभूषा, रीति-रिवाज, भाषा-बोली, रहन-सहन, संस्कार-संस्कृतियों के बावजूद कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है जिसका संविधान सभी देशवासियों पर एक-सा लागू होता है और जिसके अनुसार सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है व जिसमें कोई दूज-भात भी नहीं है. इसीलिए "अनेकता में एकता ही हमारी संस्कृति की मूलभूत विशेषता" आज भी प्रासंगिक बनी हुई है. पाकिस्तान हो या बांग्लादेश अथवा अफगानिस्तान या अन्य कोई देश जितनी हर तरह की स्वतन्त्रता यहां हरेक नागरिक को प्राप्त है उतनी कहीं नहीं.
किसी भी तरह का कोई भेदभाव भी नहीं है हमारे देश में. अपवाद स्वरुप कुछ छुट-पुट बातों को छोड़ दें तो कुल मिलाकर मेरे देश में सभी सुविधाएं और सुरक्षा हर नागरिक को मुहैया है संविधान के अनुसार. सही मायने में यह जनता का, जनता द्वारा व जनता के लिए बना दुनिया का सबसे बड़ा गणतंत्र है जहां हर नागरिक स्वच्छंद वातावरण में प्रफुल्लित है. इसीलिए तो बरसों पहले लिखा गीत "सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा" आज भी प्रासंगिक है और कल भी प्रासंगिक रहेगा......शकुंतला महेश नेनावा,