UAPA एक्ट में गिरफ्तार हुए नताशा नरवाल समेत 3 को दिल्ली हाईकोर्ट ने दी जमानत

Update: 2021-06-15 06:10 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगो के तीनों आरोपियों को ज़मानत दे दी है. तीनों को 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिली. दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत देते हुए कहा तीनों आरोपी देवंगाना कलिता, नताशा नारवाल और जामिया के स्‍टूडेंट आसिफ इकबाल तन्‍हा जांच में सहयोग करेंगे बिना कोर्ट की इजाजत के देश छोड़कर नहीं जाएंगे. नताशा को पिछले साल मई में दिल्ली पुलिस ने अरेस्ट किया था, उन पर आरोप है कि वे NRC/CAA के आंदोलन के दौरान पिछले साल फरवरी महीने में होने वाले दंगों के पीछे की साजिश में शामिल रही हैं. उनपर UAPA के चार्जेस लगाए गए हैं.

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ फरवरी 2020 में हुए प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे. कोर्ट ने इकबाल तन्हा को 13 जून से 26 जून तक के लिए पढ़ाई के करने के लिए अंतरिम जमानत दी है. वह दिल्ली मेंं होटल में रहकर अपने 15 जून से शुरु होने वाली परीक्षा की तैयारी करेगा. दरअसल मंगलवार को खंडपीठ आरोपी तन्हा की नियमित जमानत याचिका पर फैसला सुनाया.

हाल ही में नताशा नरवाल को अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जमानत दी गई थी. रवाल के पिता महावीर नरवाल का कोविड-19 के संक्रमण से निधन हो गया था. पिंजड़ा तोड़ मुहिम की कार्यकर्ता नरवाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर तीन सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी गयी थी.

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्रा नरवाल के भाई भी कोविड-19 से संक्रमित हैं और अदालत ने इसी आधार पर उन्हें यह राहत दी थी. पिंजड़ा तोड़ मुहिम की शुरुआत 2015 में हुई थी जिसका उद्देश्य छात्रावासों और पेइंग गेस्ट में छात्राओं के लिए पाबंदियों को खत्म करना था.

अराधना मौर्या

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